शनिवार और मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है और जीवन में अद्भुत परिणाम भी देखने को मिलते हैं। ऐसी स्थिति में हम आपको इस रिपोर्ट में सुंदरकांड की महिमा के बारे में विस्तार से बताएंगे और बताएंगे कि सुंदरकांड का पाठ करने से क्या फायदा मिलता है और किन नियमों का पालन करना चाहिए।
सुंदरकांड का पाठ करने के लिए मंगलवार, रविवार और शनिवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। साथ ही अमावस्या के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से बचना चाहिए। सुंदरकांड का पाठ करने से पहले कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सबसे पहले स्नान करना चाहिए, स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए और हनुमान जी महाराज की एक प्रतिमा रखनी चाहिए। उसके बाद सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। प्रतिमा ऐसी रखें जिसमें प्रभु राम, लक्ष्मण और माता सीता भी हो।
अगर आप 11 दिन, 21 दिन, 31 दिन या 41 दिन सुंदरकांड का पाठ करते हैं, तो ऐसा करने से अद्भुत चमत्कार भी देखने को मिलेगा। जीवन में कई तरह के शुभ परिणाम मिलेंगे। अगर ब्रह्म मुहूर्त में सुंदरकांड का पाठ किया जाए तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है।
अगर आप नियम पूर्वक हनुमान जी महाराज की आराधना कर रहे हैं और बजरंगबली का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं, जीवन की सभी तरह की बाधा से मुक्ति प्राप्त करना चाहते हैं, तो ऐसी स्थिति में हनुमान जी महाराज से बल, बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करना चाहिए। ऐसा करने से मनचाहा काम पूरा होता है और हनुमान जी महाराज की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि इस कलयुग में हनुमान जी महाराज की सच्ची आराधना करने से हर बिगड़े काम बनते हैं।
सुंदरकांड का पाठ करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं। अगर आप मंगलवार या शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करते हैं, तो इससे जीवन में चल रही तमाम तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। सुंदरकांड का पाठ करने से प्रभु राम के साथ हनुमान जी महाराज की विशेष कृपा भी बनी रहती है।
अयोध्या के विद्वान पंडित कल्कि राम बताते हैं कि तुलसीदास द्वारा लिखी रामचरितमानस के सात अध्याय में पांचवा अध्याय सुंदरकांड का होता है, जिसमें प्रभु राम की भक्ति और हनुमान जी महाराज की महिमा का वर्णन किया गया है। अगर आप मंगलवार या शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करते हैं, तो आपके जीवन में कई तरह के बदलाव भी देखने को मिलेंगे।

