अयोध्या: हनुमान जी महाराज की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए यह खबर आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण है. हनुमान जी महाराज एक ऐसे देवता हैं जो इस कलयुग में जागृत रूप में विराजमान हैं. उनका नाम मात्र लेने से ही सभी संकट दूर होते हैं. वैसे तो सप्ताह का शनिवार और मंगलवार का दिन हनुमान जी महाराज को समर्पित होता है. इस दिन अगर आप सच्चे मन से सुंदरकांड अथवा हनुमान चालीसा की चौपाई का अनुसरण करते हैं, तो हनुमान जी महाराज की विशेष कृपा से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं.
रामचरितमानस में एक कांड है, जिसे सुंदरकांड कहा जाता है, जिसमें हनुमान जी महाराज की महिमा का वर्णन किया गया है. सुंदरकांड में एक चौपाई है जो बहुत प्रसिद्ध है और इसका जाप करने से हनुमान जी महाराज की शक्ति प्राप्त होती है. यह चौपाई है – मसक समान रूप कपि धरी, लंकहि चलेउ सुमिरि नरहरी.नाम लंकिनी एक निसिचरी, सो कह चलेसि मोहि निंदरी.जानेहि नहीं मरमु सठ मोरा, मोर अहार जहाँ लगि चोरा.मुठिका एक महा कपि हनी, रुधिर बमत धरनीं ढनमनी.
इस चौपाई में हनुमान जी महाराज की लंका में प्रवेश करने तथा लंकिनी नाम की राक्षस के साथ युद्ध को बताया गया है. जब हनुमान जी महाराज लंका पहुंचने वाले ही थे, तभी उन्होंने अपना आकर बहुत छोटा कर लिया और प्रभु राम का जय घोष करते हुए लंका की तरफ चल पड़े. लंका के द्वार पर एक राक्षसी रहती थी, जिसका नाम लंकिनी था, उसने हनुमान जी महाराज से कहा तुम मेरी नींद में खलन डालने आए हो.
इसके बाद हनुमान जी महाराज ने कहा कि तुम नहीं जानती हो हम क्या करने आए हैं. मेरा क्या रहस्य है. इसके बाद राक्षसी ने कहा मेरा भोजन बंदर है और तुम भी एक बंदर हो. हनुमान जी महाराज ने युद्ध करते हुए उसे अपने गदा से मारा उसके मुंह से खून निकलने लगा और वह राक्षसी जमीन पर गिर गई.
शशिकांत दास महाराज बताते हैं कि सुंदरकांड की इस चौपाई में हनुमान जी महाराज के लंका में प्रवेश तथा राक्षसी के साथ युद्ध का वर्णन किया गया है. इस चौपाई का जाप करने से हनुमान जी महाराज की शक्ति प्राप्त होती है. साथ ही प्रभु राम का आशीर्वाद भी बना रहता है. अगर आप सच्चे मन से सुंदरकांड की चौपाई का अनुसरण करते हैं, तो हनुमान जी महाराज की विशेष कृपा से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं और जीवन के संकट से मुक्ति मिलती है.