Diabetes Control Diet: ऐसा कहा जाता है कि शुगर पेशेंट्स को ज्यादा मात्रा में प्रोटीन का सेवन नहीं करना चाहिए. प्रोटीन वाली डाइट लेने से मधुमेह के रोगियों को किडनी डैमेज हो सकती है. साथ ही उनका डाइजेशन सिस्टम पर भी असर पड़ता है. लोग यह भी मानते हैं कि प्रोटीन के सेवन से मोटापा बढ़ता है और इसे बॉडी बिल्डिंग के लिए ही अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए.
आपको बता दें कि एक्सपर्ट्स इन बातों को मिथ बताते हैं. हमें इस बात की जानकारी होना चाहिए कि चाहिए कि डायबिटिक पेशेंट के लिए प्रोटीन क्यों जरूरी है और ऐसे मरीजों को रोजाना कितनी मात्रा में प्रोटीन का सेवन करना चाहिए. 
प्रोटीन के सेवन से कंट्रोल में रहती है शुगर एक्सपर्ट्स के मुताबिक कार्बोहाइट्रेड के साथ-साथ प्रोटीन लेते हैं तो आपकी बॉडी में कार्ब्ज को ग्लूकोज में बदलने में ज्यादा वक्त लगता है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज पेशेंट में खाने के बाद शुगर लेवल को कम किया जा सकता है. प्रोटीन भी कार्बोहाइट्रेड  की तरह एक ग्राम कैलोरी देता है, लेकिन प्रोटीन के सेवन से संतुष्टि मिलती है. इस वजह से यह कैलोरी की मात्रा को कम कर देता, जिसके कारण आपकी शुगर कंट्रोल में रहती है. 
एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्रोटीन के सेवन कम मात्रा में करने से बॉडी मसल्स कम होने लगते हैं. इसके कारण पेशेंट के शरीर में ज्यादा कमजोरी आ जाती है, जिसके कारण पेशेंट गिर सकता है और बॉडी में फ्रैक्चर हो सकता है. 
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लो प्रोटीन सेहत के लिए हानिकारकअगर ज्यादा समय तक मधुमेह रोगी प्रोटीन का इस्तेमाल न करें तो इससे उसके आंखें और तंत्रिका तंत्र पर असर पड़ता है. मसल मास की कमी होने से शरीर में इंसुलिन का अवशोषण भी कम होने लगता है. हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक लो मसल मास और लो प्रोटीन इंटेक फैटी लिवर डिजीज में इजाफा करता है. इससे आगे चलकर लिवर में सिरोसिस और कैंसर हो सकता है. 
मधुमेह रोगियों के लिए जरूरी प्रोटीन की मात्रा हम लोगों को सामान्य तौर पर रोज 15 से 20 फीसदी कैलोरी प्रोटीन से मिलना चाहिए. हमारी बॉडी को प्रति किलो 0.8 ग्राम प्रोटीन की जरूरत पड़ती है. वहीं, शुगर के मरीज जिन्हें किडनी की परेशानी नहीं है, उन्हें एक ग्राम प्रति किलो प्रोटीन की जरूरत होती है. वहीं, ऐसे शुगर पेशेंट जिन्हें किडनी की परेशानी है, उन्हें भी 0.8 से एक ग्राम प्रति किलो प्रोटीन अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए. ऐसे लोग जो ज्यादा वर्कआउट करते हैं, वो 1 से 1.5 ग्राम प्रोटीन अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. 
घुलनशील फाइबर डाइट में करें शामिलमधुमेह या प्रीडायबिटीज मरीजों की सेहत के लिए फाइबर सबसे बेहतर विकल्प है, क्योंकि घुलनशील फाइबर शुगर पेशेंट के रक्त ग्लूकोज स्पाइक्स को कम करने के साथ चीनी के अवशोषण को भी धीमा करने में काफी मददगार होता है. इसके लिए आपको कुछ उच्च घुलनशील खाद्य पदार्थों के नाम यहां बता रहे हैं.
1.स्टील-कट ओट्स अघुलनशील और घुलनशील फाइबर्स से लबरेज हैं. हालांकि, घुलनशील विशेष रूप से लाभदायक है. इसके सेवन से लंबे समय तक आपका पेट भरा रहता है. क्योंकि आपका शरीर इतनी आसानी से घुलनशील फाइबर को तोड़ नहीं सकता. 
2.जौ के 6 ग्राम फाइबर ज्यादा घुलनशील फाइबर्स हैं. यह सूजन को कम करने और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार है. 
3.छोले में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसमें रैफिनोज नामक घुलनशील फाइबर पाया जाता है, जो आपके ब्लड शुगर लेवल को कम करता है. 
4.एक्सपर्ट्स के अनुसार सेब घुलनशील फाइबर पेक्टिन का एक अच्छा सोर्स होता है, जो चीनी के अवशोषण को धीमा करता है.
5. सब्जा के बीज (चिया सीड्स) का सेवन शुगर रोगियों की अच्छी सेहत के लिए महत्वपूर्ण है.  इसमें मौजूद फाइबर चयापचय को स्लो करने में हेल्प करता है और कार्ब्ज को ग्लूकोज में बदलने से रोकता है.  
डिस्क्लेमरः इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि, इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिंदी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.
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