नौकरी छूटी लेकिन नहीं मानी हार, आज खुद का बिजनेस, हो रही तगड़ी कमाई
गोंडा (उत्तर प्रदेश) में रहने वाले शिवचंद सिंह ने कोरोना काल में नौकरी छूटने के बाद अपना बिजनेस शुरू किया. उन्होंने सरसों के तेल का बिजनेस शुरू किया और आज उनका बिजनेस तगड़ी कमाई कर रहा है. शिवचंद सिंह ने बताया कि उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई कर रखी है और एक मल्टीनेशनल दवा कंपनी में 10 साल तक रिप्रेजेंटेटिव के पद पर मैनेजर रहे हैं. कोरोना काल में जब उनकी नौकरी छूट गई, तो उन्होंने अपना बिजनेस शुरू करने का फैसला किया. उन्होंने गांव के किसानों से सरसों खरीदकर घर पर ही पारंपरिक तरीके से तेल निकालना शुरू किया. धीरे-धीरे जब लोगों को उनके तेल की क्वालिटी पसंद आई, तो मांग बढ़ने लगी. अब उन्होंने एक छोटी यूनिट लगा ली है और आस-पास के कई गांवों में उनका तेल बिकने लगा है.
शिवचंद सिंह ने बताया कि उनके दिमाग में आया कि कुछ और क्यों न किया जाए. फिर उन्होंने सरसों के तेल के बिजनेस की शुरुआत की. उन्होंने गांव के किसानों से सरसों खरीदकर घर पर ही पारंपरिक तरीके से तेल निकालना शुरू किया. कच्ची घानी सरसों का तेल पूरी तरह देसी तरीका अपनाकर तैयार किया जाता है, जिसमें किसी भी तरह का केमिकल नहीं मिलाया जाता. यही वजह है कि इसका स्वाद और सुगंध अलग होती है. लोग इसे न सिर्फ खाने के लिए बल्कि मालिश और आयुर्वेदिक उपयोग के लिए भी खरीदते हैं.
शिवचंद सिंह ने बताया कि उनके यहां से प्रतिदिन 25 से 30 लीटर कोल्ड प्रेस्ड मस्टर्ड ऑयल की बिक्री होती है. 250 रुपये प्रति लीटर सरसों का तेल दिया जाता है. शिवचंद सिंह ने बताया कि इसमें ठंडा और निकलता है और हम जो सरसों की प्राइस करते हैं, उसमें गर्म सरसों का तेल निकलता है. कोल्ड प्रेस्ड मस्टर्ड ऑयल हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. कोल्ड प्रेस मस्टर्ड ऑयल खास करके दिल के लिए काफी फायदेमंद होता है जिस किसी को हार्ट की समस्या है, उनको कोल्ड प्रेस मस्टर्ड मिल का प्रयोग करना चाहिए.
शिवचंद सिंह ने बताया कि प्लांट लगाने में पूरा खर्चा लगभग 17 से 18 लाख रुपये का आया है. सरकार की तरफ से 35% की सब्सिडी भी मिली है. शिवचंद सिंह ने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि इस ब्रांड को लोगों तक पहुंचाना. सभी को सेहत संबंधित तेल से जो दिक्कतें आ रही हैं, वो न हो.

