Last Updated:June 05, 2025, 16:01 ISTSuccess Story, Ankit Bhati Story: पढ़ाई, पढ़ाई और सिर्फ पढ़ाई…यही वह चीज थी कि ग्रेटर नोएडा के छोटे से गांव का लड़का अपनी मेहनत के दम पर करोड़पति बन गया. यह कहानी शुरू होती है गौतमबुद्धनगर के छोटे से गांव अरतौली स…और पढ़ेंSuccess Story, Ankit Bhati Story: गांव के लड़के की सफलता की कहानी.हाइलाइट्सअंकित भाटी ने SSC CGL पास कर विदेश मंत्रालय में नौकरी पाई.यूट्यूब पर कोर्सेज डालकर अंकित भाटी बने करोड़पति.अंकित की कोचिंग से हजारों बच्चे पुलिस और सेना में सेलेक्ट हुए.Success Story, Ankit Bhati Story: ग्रेटर नोएडा के अरतौली गांव के अंकित भाटी के दादाजी अनपढ़ थे. उन्होंने अपने पढ़ाई न करने पाने की कसक हमेशा सताती थी, लिहाजा उन्होंने अपनी अगली पीढ़ी को पढ़ाने की ठानी. नतीजा ये हुआ कि अंकित के परिवार में पिताजी से लेकर चाचा तक सरकारी नौकरी में आ गए. अंकित के पिता जहां पढ़ाई के दम पर दिल्ली के सरकारी स्कूल में टीचर हो गए, वहीं उनके तीन चाचा इंडियन आर्मी में भर्ती हो गए. एक चाचा की पुलिस में नौकरी हो गई. इस तरह उनका परिवार पढ़ाई के दम पर आगे बढ़ा. बस यही बात अंकित के मन में भी बैठ गई कि पढ़ाई ही ऐसा मूल मंत्र है, जिसके दम पर कुछ भी किया जा सकता है.
गांव के स्कूल से की पढ़ाई
अंकित भाटी ने अपनी शुरूआती पढ़ाई लिखाई गांव के सरकारी स्कूल से की. इसके बाद पटेल इंटर कॉलेज से 10वीं तक की पढ़ाई की. जब 12वीं में पढ़ने की बारी आई, तो गांव के स्कूल में साइंस नहीं था, लिहाजा उन्होंने गांव से 10 किमी दूर अग्रसेन इंटर कॉलेज बुलंदशहर से अपनी पढ़ाई पूरी की.ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने बीएड किया. इसके साथ-साथ वह सरकारी नौकरी की भी तैयारी करने लगे.
दिल्ली पुलिस में नहीं हुआ सेलेक्शन
अंकित भाटी कहते हैं उनदिनों गांवों में सरकारी नौकरी के सिर्फ दो ही मायने थे या तो इंडियन आर्मी या फिर यूपी पुलिस (UP Police), दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की नौकरी. इसके अलावा कोई किसी दूसरी नौकरी की बात ही नहीं करता था, लिहाजा अंकित ने भी दिल्ली पुलिस की परीक्षा दी. उनका सेलेक्शन हो गया, लेकिन फिजिकल में वह अपनी कमजोर आंखों के कारण सेलेक्ट नहीं हो पाए. जिसके बाद वह एसएससी (SSC) की तैयारी करने लगे.जब वह खुद एसएससी की तैयारी में जुटे, तो उन्होंने अपने साथ के ही कुछ बच्चों को पढ़ाना भी शुरू कर दिया.वह पुलिस भर्ती परीक्षा की तैयारी कराने लगे. उनमें से कुछ बच्चे सेलेक्ट हो गए, जिसके बाद अंकित का हौसला बढ़ने लगा. इस तरह उन्होंने तैयारी करने वाले बच्चों को पढ़ाना जारी रखा. गांव में रहकर तकरीबन 8 से 9 साल तक पढ़ाते रहे.
और SSC पास करके पहुंच गए विदेश मंत्रालय
इसी बीच अंकित भाटी ने 2014 में एसएससी सीजीएल परीक्षा (SSC CGL Exam) पास कर ली.विदेश मंत्रालय में उनकी नौकरी लग गई. अब ऐसे में नौकरी और कोचिंग के बीच तालमेल बैठाना अंकित के लिए आसान नहीं था. वह सुबह 6 बजे से 8 बजे तक क्लास लेते और उसके बाद अपनी नौकरी के लिए दिल्ली निकलते. देर शाम जब वह आठ बजे वापस आते तो फिर कुछ बच्चों को पढ़ाते, लेकिन जो दूर के बच्चे थे वह समयाभाव के कारण अपने डाउटस नहीं क्लियर कर पाते थे. ऐसे में बच्चों की शिकायतों को दूर करने के लिए किसी ने उन्हें सलाह दी कि वीडियो रिकॉर्ड कर दिया कीजिए, लेकिन सवाल यह था कि वीडियो रिकॉर्ड भी कर दें, तो बच्चे देखेंगे कैसे? तब इसका विकल्प यूटयूब के रूप में सामने आया और इस तरह अंकित भाटी ने अपने कोर्सेज को रिकॉर्डेड डालना शुरू कर दिया.इ स तरह अंकित ने एक के बाद एक 500 वीडियो डाले. मंत्रालय की नौकरी के बाद शनिवार और रविवार को जो समय मिलता था वह अपना वीडियो रिकॉर्ड करते थे.
परीक्षा छोड़ की बल्ले से दोस्ती, छोटे शहर का लड़का बन गया IPL का स्टार
और ऐसे बन गए करोड़पति
यूटयूब पर 6 महीने में 5 लाख सबसक्राइर्ब्स होने के बाद अंकित भाटी के पास काफी डिमांड आने लगी, लिहाजा उन्होंने पूरा कोर्स कवर करने के लिए टीचर हायर करके एक टीम बनाने की सोची.इस तरह उन्होंने अपने और अपनी टीचर पत्नी के बचत के पैसों से टीचर हायर किए. 500 रुपये फीस रखी. पहले दिन ही ऑनलाइन कोर्स के लिए 3000 एडमिशन हो गए. एडमिशन की ऐसी लाइन लगी कि अंकित भाटी देखते ही देखते कब करोड़पति हो गए पता ही नहीं चला. जिसके बाद अंकित भाटी ने ये ठान लिया कि जिन युवाओं ने उन पर भरोसा किया, उन्हें इतना प्यार दिया, उन्हें निराश नहीं होने देना है. उन्होंने अगर विश्वास करके एडमिशन लिया है, तो उन्हें ऐसी शिक्षा दी जाए कि वह सरकारी नौकरी पा जाए. आज अंकित के ऑनलाइन कोचिंग से पढ़कर हजारों बच्चे यूपी, बिहार से लेकर देश भर में पुलिस और सेना में सेलेक्ट हुए हैं. हाल ही में उन्होंने इन सेलेक्टेड बच्चों को सम्मानित भी किया. इस तरह अंकित उन तमाम युवाओं के लिए एक मिसाल हैं, जो अपनी पढ़ाई के दम पर कुछ करना चाहते हैं.Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटरन्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य…और पढ़ेंन्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य… और पढ़ेंhomecareerअनपढ़ दादा का पोता निकला पढ़ाकू, पढ़ाई के दम पर गांव के अंकित बन गए करोड़पति