Benefits of Ardhachakrasana: आज के समय में हमारी लाइफस्टाइल ऐसी होती जा रही है कि ऑफिस में घंटों बैठना हमारे लिए आम बात हो गई है. लेकिन यह हमारी बॉडी के लिए आम नहीं है. यह रीढ़ की हड्डियों और स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है. घंटों बैठने से होने वाला दर्द भी शुरुआत में आम लगता है. लेकिन धीरे-धीरे करके यह गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है. ऐसे में योग आपकी मदद कर सकता है. अर्धचक्रासन करने से आपको ऐसी स्थिति में फायदा मिल सकता है.
अर्धचक्रासन का मतलब क्या होता है?अर्धचक्रासन का मतलब होता है, आधा चक्र. इस आसन की प्रैक्टिस से शरीर को इस तरह से घुमाया जाता है कि यह देखने में आधा पहिया के शेप का लगता है. वहीं इंग्लिश में इसे हाफ ब्हील पोज कहते हैं. इसके साथ-साथ मोटापे से परेशान लोगों के लिए भी ये आसन बेहद फायदेमंद होता है.
अर्धचक्रासन के फायदेभारत सरकार के आयुष मंत्रायल के अनुसार, अर्धचक्रासन एक ऐसा योग है, जो रीढ़ की हड्डियों को मजबूत करने के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) को भी कंट्रोल करने में भी असरदार है. इस आसन को करते समय सीधे खड़े होकर पीछे झुकना होता है, जो हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद है. अर्धचक्रासन केवल स्ट्रेचिंग नहीं है, यह रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बढ़ाता है, मांसपेशियों और नसों को मजबूती देता है, साथ ही सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस को कंट्रोल करने में भी मदद करता है.
इन बीमारियों में असरदारयह आसन ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है, स्ट्रेस कम करता है और पोस्चर में सुधार कर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है. फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में भी यह मददगार है, जो हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए फायदेमंद है.
अर्धचक्रासन करते समय बरते सावधानीइसको लेकर हेल्थ एक्सपर्ट सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. चक्कर या बैलेंस की समस्या वाले लोगों को ये आसन करने से परहेज करने की सलाह दी जाती है. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसे धीरे-धीरे और सावधानी से करना चाहिए. इस आसन को करने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना खासतौर पर जरूरी है, खासकर दवाओं का सेवन करने वालों के लिए.
अर्धचक्रासन की प्रैक्टिस के क्या होता है?अर्धचक्रासन के रोजाना प्रैक्टिस से फिजिकल और मेंटल हेल्थ में सुधार होता है. हालांकि, इन्हें धीरे-धीरे और सही तकनीक के साथ करना जरूरी है. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को योग शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी बेहद जरूरी है. योग के रोजाना प्रैक्टिस से न केवल रीढ़ मजबूत होती है, बल्कि कई शारीरिक समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है.–आईएएनएस
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.