कानपुर में आवारा कुत्तों का खतरा बढ़ता जा रहा है। शहर में करीब 1.30 लाख आवारा कुत्ते हैं, जिनमें से 80 हजार कुत्तों का बंध्याकरण हो चुका है। इन कुत्तों को टीका भी लगाया जा रहा है। हालांकि, अभी करीब 50 हजार कुत्तों का बंध्याकरण बाकी है।
नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि शहर में नगर निगम के रिकार्ड के अनुसार करीब 1.30 लाख आवारा कुत्ते हैं। इनमें से 80 हजार कुत्तों का बंध्याकरण हो चुका है। उन्हें टीका भी लगाया जा रहा है। हालांकि, अभी करीब 50 हजार कुत्तों का बंध्याकरण बाकी है। निगम पूरी तैयारी कर चुका है और जल्द ही इन्हें भी नियंत्रित करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
कानपुर की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
पिछले दिनों हुई घटनाओं ने शहरवासियों में डर का माहौल बना दिया है। श्याम नगर में बीबीए की छात्रा वैष्णवी साहू जब कॉलेज से घर लौट रही थीं, तो सड़क पर मौजूद कुत्तों के झुंड ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में वैष्णवी बुरी तरह घायल हो गईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
इससे पहले भी सरसैयाघाट इलाके में पिटबुल नस्ल के कुत्ते ने एक युवक पर हमला कर दिया था। इन घटनाओं ने साफ कर दिया कि शहर में आवारा कुत्तों का खतरा सिर्फ डर भर नहीं है बल्कि यह किसी भी वक्त जानलेवा साबित हो सकता है।
हर महीने लाखों रुपये का खर्च नगर निगम के लिए भी आवारा कुत्तों का मुद्दा अब बड़ी चुनौती बन चुका है। कानपुर के नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि कानपुर में अब आवारा कुत्तों को लेकर अभियान चलाया जा रहा है जिसमें बंध्याकरण और टीकाकरण पर हर महीने लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं।
एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटर में बड़ी संख्या में कुत्तों को रखा जा रहा है, जहां उनका इलाज, टीकाकरण और बंध्याकरण किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय और संसाधन लगते हैं लेकिन यह जरूरी है, क्योंकि अगर कुत्तों पर नियंत्रण नहीं किया गया।
शहर के लोगों की सुरक्षा पर बड़ा खतरा बना रहेगा
शहर के लोग अब चाहते हैं कि नगर निगम जल्द से जल्द कार्रवाई करे ताकि कुत्तों के हमले की घटनाओं पर रोक लग सके। वैष्णवी पर हमले के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपनी नाराजगी जताई और सवाल उठाए कि आखिर कब तक शहर में इस तरह के झुंड खुलेआम लोगों पर हमला करते रहेंगे।
नगर निगम का दावा है कि जल्द ही 50 हजार कुत्तों का भी बंध्याकरण किया जाएगा और हालात नियंत्रित होंगे।

