Last Updated:December 24, 2025, 14:09 ISTAnimal Care Tips: सर्दियों में पशुओं और बछड़ों की सही देखभाल बेहद जरूरी है. ठंड से निमोनिया, सफेद दस्त और ड्रिंचिंग निमोनिया जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं. पशु चिकित्सक के अनुसार पशुओं के रहने की जगह को ढककर रखें और बछड़ों को गलत तरीके से दूध या चाय न पिलाएं, ताकि बीमारी और मौत से बचाव हो सके.फिरोजाबाद : सर्दियों के मौसम में पशुओं की सही से देखभाल करना बेहद जरूरी है. इस मौसम में थोड़ी सी लापरवाही पशुओं को बीमार कर सकती है और इससे उनकी जान भी जा सकती है. इसलिए सर्दियों के मौसम में पशुओं की देखभाल सही ढंग से करनी चाहिए. इसके साथ ही उनके बछड़ों का भी ख्याल रखना जरूरी है. सर्दी में बछड़ों में निमोनिया के अलावा कई तरह की बीमारी हो सकती है और इससे उनकी जान भी जा सकती है.
सफेद दस्त, निमोनिया जैसी बीमारी से करें बचाव
फिरोजाबाद मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ उमर खान ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि सर्दी के मौसम में पशुपालकों को अपने पशुओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए.इस मौसम में कई तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है.वहीं उन्होंने बताया कि छोटे बछड़ों में कई तरह की जानलेवा बीमारियां सर्दी लगने से हो सकती हैं. इस मौसम में ज्यादातर निमोनिया, सफेद दस्त की बीमारी होती है. इसके अलावा बछड़ों में कपड़ा चबाने से चौक की बीमारी हो जाती है और इससे बछड़ों की जान भी चली जाती है. पशुपालकों को सर्दी से बचाव के लिए पशु बांधने वाली जगह की चारों तरफ से कवर करके रखना चाहिए.इससे पशुओं में सर्दी नहीं लगेगी और उनका बीमारी से बचाव होता रहेगा.निमोनिया होने से पशु के नाक से पानी बहने लगता है,जोर जोर से सांस लेना शुरू कर देता है और फेफड़ों में इन्फेक्शन हो जाता है.वही सर्दी लगने से पशुओं में सफेद दस्त की बीमारी हो जाती है.इसके अलावा बछड़ा या बछिया को सर्दी से बचाने के लिए पशुपालक उनके ऊपर कपड़ा बांध देते हैं.जिसे बछड़ा धीरे धीरे चबाने लगता है और फिर यही कपड़ा बछड़े की नली में फंस जाता है.फिर जब वह दूध पीता है तो नली चौक होने के कारण उसकी मौत हो जाती है.इसलिए पशुपालकों को सर्दी के मौसम में पशुओं की सही से देखभाल करनी चाहिए.
ड्रिंचिंग निमोनिया से होती है पशुओं की सबसे ज्यादा मौत
पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि सर्दी में अगर पशुओं की सही से देखभाल नहीं की और उनको किसी तरह से निमोनिया हो गया तो एक बड़ी बीमारी भी बन सकती है.इसमें सबसे ज्यादा खतरा ड्रिंचिंग निमोसिया से होता है.ठंड में पशुपालक पशु को चाय या दूध पिलाने की कोशिश करता है.इसमें दूध या चाय पीते समय वह पेट में जाने की बजाय ट्रैकिया में चला जाता है और उससे फेफड़ों में चला जाता है.इसके बाद तुरंत पशु की मौत हो जाती है.इसलिए पशु पालकों को इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.About the AuthorLalit Bhattपिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 में प्रिंट मीडिया से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों म…और पढ़ेंLocation :Firozabad,Firozabad,Uttar PradeshFirst Published :December 24, 2025, 14:09 ISThomeuttar-pradeshसर्दियों में पशुओं का ऐसे रखें ध्यान, वरना इस जानलेवा बीमारी का होता है खतरा

