‘द ओवल’ में भारत और इंग्लैंड के बीच एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का पांचवां टेस्ट गुरुवार से शुरू हो गया. इस टेस्ट की शुरुआत से पहले भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर की पिच क्यूरेटर के साथ बहस हुई थी. भारतीय टीम के सफलतम कप्तानों में से एक सौरव गांगुली ने कहा है कि मुझे नहीं पता कि गंभीर नाखुश क्यों थे. मीडिया से बात करते हुए सौरव गांगुली ने कहा कि मुझे नहीं पता कि गंभीर क्यों नाखुश थे.
क्या-क्या बोले गांगुली?
गांगुली ने कहा, ‘सभी कप्तान और कोचों की ग्राउंड्स मैन के साथ चर्चा होती रहती है. मेरे समय में भी यह हुआ और आगे भी होता रहेगा. चर्चा कभी खुशनुमा माहौल में होती है, तो कभी गुस्से में. इसको बहुत बड़ा मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए.’ पांचवां टेस्ट गुरुवार से शुरू हो गया है. भारतीय टीम को मैच जीतकर सीरीज को बराबर करने की कोशिश करनी चाहिए.
कुलदीप को मिलना चाहिए था मौका
कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किए जाने पर गांगुली ने कहा, “इंग्लैंड चार तेज गेंदबाजों के साथ खेल रहा है. इसका मतलब है कि पिच पर घास है, जो तेज गेंदबाजों को सपोर्ट करेगी. भारत के पास स्पिनर के रूप में पहले से ही जडेजा और सुंदर मौजूद हैं. इस वजह से तीसरे स्पिनर की जरूरत महसूस नहीं हुई होगी. लेकिन, मुझे लगता है कि पिछले तीन टेस्ट मैचों में कुलदीप को मौका दिया जाना चाहिए था.”
कंबोज को ड्रॉप करने पर भी बोले
गांगुली ने कहा कि बिना अच्छे स्पिनर के किसी भी विपक्षी टीम को पांचवें दिन आउट नहीं किया जा सकता. ओल्ड ट्रैफर्ड में भारतीय टीम को पांचवें दिन इंग्लैंड इसीलिए ऑल आउट नहीं कर सकी. इंग्लैंड के पास अच्छे स्पिनर नहीं थे. वॉर्न, मुरलीधरन, कुंबले, हरभजन और अश्विन ऐसे ही स्पिनर थे. अंशुल कंबोज को पांचवें टेस्ट में ड्रॉप कर दिया गया है. इस पर पूर्व कप्तान ने कहा कि कंबोज को एक टेस्ट मैच के आधार पर नहीं आंका जाना चाहिए. उनका घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन रहा है. उन्हें कम से कम 7 या 8 मैच जरूर मिलने चाहिए. उसके बाद उन पर बात हो सकती है.