अभिषेक जायसवाल/वाराणसी : चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के बाद इसरो (IRSO) 2 सितंबर को मिशन सूर्य के आदित्य L1 (Aditya L-1) को लांच करेगा. आदित्य L1 के लॉन्चिंग से पहले देश में उत्साह का माहौल है. इसके अलावा मिशन सूर्य की सफलता के लिए पूजा-अनुष्ठान और प्रार्थनाओं का दौर भी अब शुरू हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के गंगा आरती में आदित्य L1 की सफलता के लिए विशेष पूजा की गई.

गंगा पूजन के दौरान वैदिक ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चार के साथ मां गंगा का पूजन और दुग्धाभिषेक कर आदित्य एल वन के सफलता की कामना की. इस दौरान आरती में शामिल सभी भक्तों ने भी भारत के इस मिशन के सफलता के लिए भगवान से आशीष मांगा. जय मां गंगा सेवा समिति से जुड़े श्रवण मिश्रा ने बताया कि जिस तरह भारत ने चांद की जमीन पर भारत का तिरंगा झंडा फहराया है और चंद्रयान की सफल लैंडिंग कराई है. उसी तरह भारत का मिशन सूर्य भी सफल हो इसके लिए आज गंगा आरती में विशेष पूजन किया गया है.

क्या है आदित्य L1 का लक्ष्य ?बता दें कि आदित्य L1 अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना के दूरस्थ अवलोकन और L1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु)पर सौर हवा के सीटू अवलोकन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है.सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला पीएसएलवी-सी-57 रॉकेट द्वारा लॉन्च की जाएगी.आदित्य एल वनअंतरिक्ष में सूर्य का अध्ययन कर उसके बारे में नई जानकारियां दुनिया के सामने लाएगा. भारत के इस मिशन में बीएचयू और आईआईटी बीएचयू के एक्सपर्ट भी अहम रोल निभाएंगे. इन दोनों संस्थानों के वैज्ञानिक वहां से भेजें गए डेटा का एनालिसिस कर सूर्य के रहस्यों से पर्दा उठाएंगे.
.Tags: Local18, Uttar Pradesh News Hindi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : September 01, 2023, 20:17 IST



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