सोनू निगम और सुदेश भोंसले को दी पहली म्यूजिक, कुछ यूं शुरू हुई जीवन की कहानी, बन गए मशहूर संगीतकार

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Last Updated:May 19, 2025, 22:23 ISTBallia Latest News: बलिया के कीर्ति अनुराग ने सोनू निगम और सुदेश भोंसले जैसे कलाकारों को संगीत देकर सफलता दिलाई. 75 साल की उम्र में भी वे लोगों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं.X

बलिया के महान संगीतकार कीर्ति अनुराग बलिया: देश दुनिया में बलिया का एक अलग पहचान है, चाहे बात राजनीति की हो या फिर आजादी के आंदोलन की. बलिया की भूमिका हमेशा से अग्रणीय रही है. आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवाने जा रहे हैं, जिसकी कहानी बड़ी रोचक है. गांव देहात से उठकर इस शख्स ने देश दुनिया में अपना परचम लहरा दिया. सोनू निगम और सुदेश भोंसले जैसे बड़े-बड़े कलाकारों को पहली संगीत देकर न केवल अपना नाम किया बल्कि, उनकी सफलता का एक बड़ा जरिया बना. जी हां हम बात कर रहे हैं, महान संगीतकार कीर्ति अनुराग की. जिनके नाना भी बलिया जनपद में शिक्षा के मालवीय के रूप में आज भी आदरणीय है. विस्तार से जानिए.

बलिया की मिट्टी के लाल, मुंबई के जाने-माने संगीतकार और शौकिया गायक कीर्ति अनुराग ने कहा कि, वह जनपद बलिया के रहने वाले हैं. उन्होंने आगे कहा कि आज से लगभग 50 साल पहले ही मुंबई में जाने का इन्हें सौभाग्य मिल गया था. वैसे कीर्ति अनुराग के जीवन की कहानी बलिया से ही शुरू हुई थी, यही नहीं इनकी पढ़ाई भी बलिया से हुई है. कीर्ति अनुराग तमाम फिल्मों में काम कर चुके है.

सोनू निगम जैसे तमाम कलाकारों को दिया म्यूजिकबलिया में शिक्षा के मालवीय कहे जाने वाले मुरली मनोहर कृति अनुराग के नाना थे. इनके नाम पर इंटर और डिग्री कॉलेज भी है, मुरली बाबू की पत्नी गुलाब देवी के नाम पर बालिका मंदिर है. सत्यनारायण व्रत कथा गुलशन कुमार की फिल्म है, जिसमें म्यूजिक कृति अनुराग ने ही दिया था. इस फिल्म में सोनू निगम को भजन गाने का पहला मौका भी इन्होंने ही दिए थे. भारतीय पाश्व गायक सुदेश भोंसले को पहले संगीत इन्होंने ही दिया. इसके बाद सुदेश ने अमिताभ बच्चन के लिए गाना गया. इतने बड़े-बड़े कलाकारों को संगीत देना अपने आप में कृति अनुराग भाग्यशाली मानते हैं.

ऐसे शुरू हुई संगीतमय जीवन की कहानीएक बार गांव में कहीं इसी तरह गाना गा रहे थे, तो किसी ने कहा की है आप क्या करते हैं.. उन्होंने कहा कि मैं गाना गाता हूं. तो वहीं पर उसने कहा कि संगीत मुझे दोगे तो उन्होंने कहा कि बिल्कुल देंगे. इनके सामने लिखित गाना रखा गया बगैर किसी वाद्य यंत्र इन्होंने संगीत दे दिया. गाना यह था – ये छोटी-छोटी बातें, मिलजुल के रहना, कभी हंसना हंसाना, एक दूजे का दु:ख सहना… इसके बाद तो कीर्ति अनुराग एकदम छा गए और धीरे धीरे देश दुनिया में इनका नाम हो गया.

75 साल की उम्र में भी लोगों को मंत्रमुग्ध कर रहे अनुरागअभी फिलहाल में कृति अनुराग की शूटिंग होने वाली है. बलिया कीर्ति अनुराग का घर है, लेकिन बहुत व्यस्तता के कारण यह 2 साल बाद आए हैं. कृति अनुराग ने अपने जीवन के सबसे प्रिय गाने सुनाए जो इस प्रकार है – जाने कहां गए वो दिन, कहते थे तेरी राह में नजरों को हम बिछाएंगे चाहे कहीं भी तुम रहो चाहेंगे तुमको उम्र भर तुमको न भूल पाएंगे… कीर्ति अनुराग जी का 75 साल उम्र हो गया है, लेकिन आज भी जब वह गाते हैं तो लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. अनुराग इसे भगवान का चमत्कार मानते हैं.
अभिजीत चौहानन्‍यूज18 हिंदी डिजिटल में कार्यरत. वेब स्‍टोरी और AI आधारित कंटेंट में रूचि. राजनीति, क्राइम, मनोरंजन से जुड़ी खबरों को लिखने में रूचि.न्‍यूज18 हिंदी डिजिटल में कार्यरत. वेब स्‍टोरी और AI आधारित कंटेंट में रूचि. राजनीति, क्राइम, मनोरंजन से जुड़ी खबरों को लिखने में रूचि. भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :Ballia,Ballia,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshसोनू निगम और सुदेश भोंसले को दी पहली म्यूजिक, कुछ यूं शुरू हुई जीवन की कहानी

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