Snake bite treatment: बारिश जहां भीषण गर्मी से लोगों को राहत पहुंचाता है, वहीं, सांपों का कहर भी इसी मौसम में बढ़ जाता है. बारिश के साथ ही शहर व ग्रामीण इलाकों में सर्पदंश (सांप काटने) की घटनाएं बढ़ने लगी हैं. बारिश का पानी सांप के बिलों में भर जाता है तो वे बाहर आकर सुरक्षित स्थान खोजते हैं. ऐसे में कई बार सांप लोगों के घरों में घुसकर पनाह पाते हैं, जिससे सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं.
2020 के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में हर साल औसतन लगभग 58 हजार लोगों की मौत सांप के काटने से होती हैं. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि वास्तविक संख्या काफी ज्यादा हो सकती है, क्योंकि बहुत सारे मामले रिपोर्ट ही नहीं किए जाते हैं. बारिश के मौसम में बिलों से बाहर निकलने के बाद वो ज्यादातर खेतों में काम करने वाले लोग को अपना शिकार बनाते हैं.
बारिश में सांपों से किस तरह बचे?
जंगली और ऊंची घास वाले क्षेत्रों में जाने से बचने का प्रयास करें, क्योंकि सांप ऐसे स्थानों पर आसानी से छुप सकते हैं.
बारिश के दिनों में घर के अंदर रहें और बाहर जाने से बचें, क्योंकि सांप इस समय अधिक गतिशील होते हैं.
लंबे बूट पहनें ताकि सांप आपके पैरों पर न काट सकें.
जब भी बाहर निकलें, तो पैरों को हमेशा देखें और जहां चल रहे हों उसे चेक करें.
गहरे गड्ढे और झरनों के पास से दूर रहें, क्योंकि सांप वहां आसानी से छुप सकते हैं.
बाहरी कमरे और गाड़ी के अंदर के होल को सील करें ताकि सांप आपके आसपास न आ सकें.
यदि आपको सांप काट लेता है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें और जल्दी से नजदीकी अस्पताल जाएं.
सांप काटने के बाद क्या करें?
सांप के काटने के बाद शांत रहें और घबराएं नहीं. आराम से लेट जाएं, कपड़े ढीले कर दें और चूड़ी, कड़े, घड़ी, अंगूठी जैसे आभूषण निकाल दें.
काटे हुए स्थान को उचित एंटीसेप्टिक साबुन और गर्म पानी से धोएं.
जब आपको सांप काट जाता है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें और नजदीकी अस्पताल जाएं. चिकित्सा व्यवस्था की सलाह लें और आपको आवश्यक टिटनेस शॉट या अन्य चिकित्सा उपचार के लिए डॉक्टर के संपर्क में रहें.

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