स्मोकिंग छोड़ने का शरीर पर असर | World No Tobacco Day | वर्ल्ड नो टोबैको डे

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स्मोकिंग छोड़ने का शरीर पर असर | World No Tobacco Day | वर्ल्ड नो टोबैको डे



Quitting Smoking Effects on Body: तंबाकू दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ड्रग में से एक है. सीडीसी के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल तंबाकू से मरने वालों संख्य लगभग 60 लाख है. इसमें निकोटीन नाम का एक कैमिकल पाया जाता है, जो बेहद नशे वाला होता है. इसके सेवन से शरीर में एड्रेनेलिनि बढ़ता है, जो हार्ट बीट तेज कर देता है. इसके साथ यह डोपामाइन नाम के “पॉजिटिव केमिकल” को भी शरीर में बढ़ा देता है, इससे तुरंत खुशी का एहसास होता है. धीरे-धीरे करके तंबाकू की आदत बन जाती है, जिससे व्यक्ति हर तरह से उसपर निर्भर हो जाता है. 
 
वर्ल्ड नो टोबैको डेWHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में लगभग 1.3 बिलियन लोग तंबाकू प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं. तंबाकू के सेवन से कई गंभीर बीमारियां और हेल्थ समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें कैंसर, हार्ट की बीमारी और फेफड़ों की बीमारी शामिल हैं. इसके साथ-साथ तंबाकू में मौजूद निकोटीन एक नशे वाली चीज हैं. तंबाकू का लत काफी भयंकर होता है और इसे छोड़ना उनती ही मुश्किल. ऐसे में वर्ल्ड नौ टोबौको डे पर हम आपको बताएंगे कि कैसे तंबाकू छोड़ते ही आपके शरीर पर पॉजिटिव बदलाव होता है. तंबाकू छोड़ना बिल्कुल भी आसान नहीं है. लेकिन अगर आप तंबाकू छोड़ना चाहते हैं, तो आपको बता दें, तंबाकू छोड़ने के 20 मिनट बाद से ही आपकी सेहत में सुधार होना शुरू हो जाता है और 15 साल तक पूरी तरह आप निकोटीन फ्री हो जाते हैं. 
 
20 मिनट से सेहत सुधरने लगती हैतंबाकू छोड़ने के 20 मिनट के भीतर आपका ब्लड प्रेशर और हार्ट बीज नॉर्मल होने लगती है. वहीं 8 से 12 घंटों बाद आपके बल्ड में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा कम हो जाती है और ऑक्सीजन का लेवल बढ़ने लगात है. इससे हार्ट और ब्रेन को बेहतर तरीके से ऑक्सीजन मिलती है. इसके बाद 48 घंटे बाद टेस्ट की क्षमता वापस आने लगती है. यानी स्वाद और खुशबू आपको पहले से बेहतर महसूस होने लगता है. अब 1 से 9 महीने के बाद फेफड़े खुद को क्लीन करने का प्रोसेस शुरू कर देते हैं. इससे खांसी, सांस फूलने वाली दिक्कतें कम हो जाती है और फेफड़ों की क्षमता में सुधार आता है. 1 साल तंबाकू न लेने वाले लोगों की तुलना में आपका हार्ट आधे खतरे पर आ चुका होता है. यानी हार्ट अटैक के चांसेस 50% तक कम हो जाती है. 5 साल बाद ब्रेन अटैक या स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है. आर्टेरीज में जमी गंदगी खत्म होने लगीत है और ब्लड फ्लो बेहतर होता है. 10 साल बाद आपको लंग कैंसर का उतना ही खतरा होता है, जितना एक तंबाकू न लेने वाले इंसान का होता है. अंत में 15 साल बाद आप निकोटीन फ्री हो जाते हैं. आप वैसे इंसान जैसे हो जाते हैं, जिसने कभी भी तंबाकू का सेवन किया ही ना हो. 
 
सिगरेट का असरआपको बता दें, सिगरेट का असर केवल फेफड़ों तक ही नहीं, बल्कि आपके शरीर के बाकी हिस्सों पर भी असर पड़ता है. लंबे समय से स्मोकिंग कर रहे लोगों की फेफड़ों के साथ-साथ आंखें भी कमजोर हो जाती हैं. स्मोकिंग फेफड़ों को अंदर से खराब कर देता है. इससे फेफड़ों की टिशू नष्ट हो सकती है. सिगरेट पीने वाले व्यक्ति को टीबी, न्यूमोनिया जैसे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. यहां तक की कैंसर का खतरा 20 गुना तक बढ़ जाता है. 
 
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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