गाजीपुर में पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच टकराव, एसपी ने 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुए टकराव ने बड़ा रूप ले लिया है. नोनहरा थाने में हुए लाठीचार्ज में घायल बीजेपी कार्यकर्ता सियाराम की मौत के बाद जिले का माहौल तनावपूर्ण हो गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने बड़ी कार्रवाई की है. नोनहरा थाने के एसएचओ समेत कुल 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि अन्य पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है. पूरे मामले की मजिस्ट्रेटी जांच भी कराई जाएगी.
9 सितंबर की रात बीजेपी कार्यकर्ता नोनहरा थाने पर धरना दे रहे थे. स्थानीय मुद्दों को लेकर कार्यकर्ता थाने के बाहर एकत्र हुए थे और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी कर रहे थे. इसी दौरान हालात बिगड़े और पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया. कई लोग घायल हुए, जिनमें से सियाराम की हालत गंभीर थी. लाठीचार्ज में घायल हुए बीजेपी कार्यकर्ता सियाराम को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था. हालत नाज़ुक बनी रही और अंततः उनकी मौत हो गई. सियाराम की मौत की खबर मिलते ही बीजेपी कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया. परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस की बर्बर पिटाई के कारण ही उनकी जान गई.
पुलिस पर गिरी गाज, होगी मजिस्ट्रेटी जांच
बीजेपी कार्यकर्ता की मौत के बाद पुलिस विभाग पर दबाव बढ़ गया. एसपी ने नोनहरा थाने के एसएचओ समेत 6 पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया. जिन पर कार्रवाई हुई उनमें 1 एसआई, 1 हेड कांस्टेबल और 3 कांस्टेबल शामिल हैं. इसके अलावा थाने में तैनात 2 एसआई और 3 कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया गया है. मामले को संवेदनशील मानते हुए प्रशासन ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए हैं. जांच में यह पता लगाया जाएगा कि पुलिस लाठीचार्ज क्यों किया गया और क्या वाकई उसमें अतिरेक हुआ.
राजनीतिक गर्मी बढ़ी, परिवार का आक्रोश
बीजेपी कार्यकर्ता की मौत ने जिले की राजनीति को भी गर्मा दिया है. पार्टी नेताओं ने कहा कि यह सीधी पुलिस की लापरवाही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं, स्थानीय लोग भी इसे पुलिस की ज्यादती बता रहे हैं. मृतक सियाराम के परिवार ने कहा कि वे न्याय चाहते हैं. उनका आरोप है कि पुलिस ने बेवजह बेरहमी दिखाई और सियाराम को बुरी तरह पीटा. परिवार के आंसू और गुस्सा दोनों ही प्रशासन पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
इस मामले में प्रशासन की कार्रवाई को लेकर लोगों में आश्चर्य है. एसपी की कार्रवाई को लेकर कहा जा रहा है कि यह एक बड़ा कदम है जिससे पुलिस की ज्यादती पर लगाम लगेगी. लेकिन, परिवार और बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कार्रवाई पर्याप्त नहीं है. उन्हें न्याय की मांग है और उन्हें लगता है कि पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.