बरेली. जनपद बरेली में 1 अगस्त से लागू होने वाले नए सर्किल रेट का प्रकाशन कर दिया गया है. इस बार जमीन की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. सबसे ज्यादा इजाफा सिविल लाइंस क्षेत्र के अयूबखा (पटेल चौक) से नोवेल्टी चौराहे तक के करीब 200 मीटर इलाके में हुआ है, जहां रेट को ₹83,000 से बढ़ाकर ₹99,000 प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है.. यानी ₹16,000 की बढ़ोतरी.
दूसरे नंबर पर शहर का बड़ाबाजार क्षेत्र प्रस्तावित किया गया है, जहां कुतुबखाना से शिवाजी मार्ग होते हुए मटकी चौकी तक की जमीन का सर्किल रेट ₹96,000 प्रति वर्ग मीटर रखा गया है. वहीं, तीसरे स्थान पर पटेल चौक से घंटाघर और कुतुबखाना तक की जमीन ₹84,000 प्रति वर्ग मीटर प्रस्तावित की गई है. पूर्व में इन क्षेत्रों में रेट क्रमश: ₹80,000 प्रति वर्ग मीटर हुआ करते थे.
कमर्शियल जमीनों में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी
सिविल लाइंस के आवासीय विकास क्षेत्र को सबसे महंगा कमर्शियल क्षेत्र घोषित किया गया है. यहां पर नई दरें ₹1.13 लाख से ₹1.36 लाख प्रति वर्ग मीटर तक प्रस्तावित की गई हैं, जबकि पहले ये रेट ₹96,000 से ₹1.04 लाख प्रति वर्ग मीटर थे.
इन क्षेत्रों में 7,000 से 15,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक की बढ़ोतरी
बरेली जंक्शन से जेल रोड चौराहा तक: ₹12,000
जेल रोड से चौकी चौराहा तक: ₹12,000
चौकी चौराहा से पटेल चौक तक: ₹15,000
सर्किट हाउस से आवास विकास कॉलोनी व बैंक ऑफ बड़ौदा रीजनल ऑफिस तक: ₹11,000
चोटाला चौराहा से कुतुबखाना तक: ₹12,000
गांधी उद्यान से श्यामगंज चौराहा और आगे जाट रेजीमेंट तक: ₹10,000–₹11,000
अयूबखा चौक से महिला थाना, रामपुर बाग तक: ₹12,000
श्यामगंज से थाना बारादरी तक: ₹12,000
बारादरी से संजय नगर श्मशान भूमि तक: ₹11,000
श्यामगंज किराए से सैली रोड, पीलीभीत बाईपास होते हुए: ₹7,000
सैटेलाइट बस स्टैंड से बीसलपुर चौराहा (पीलीभीत बायपास मार्ग): ₹8,000
पटेल नगर, राजेंद्र नगर, एकता नगर, दीनदयालपुरम, प्रदर्शनी नगर, प्रभात नगर: ₹12,000
प्रक्रिया और आपत्तियों के लिए खुला मंच
सहायक निबंधक तेज सिंह यादव ने बताया कि 22 जून तक प्रस्तावित सर्किल रेट्स पर आपत्तियां और सुझाव आम जनता से मांगे जाएंगे. इन आपत्तियों का निस्तारण 25 जुलाई को डीएम बरेली की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में किया जाएगा.
इस व्यापक बढ़ोतरी को देखते हुए साफ है कि बरेली की रियल एस्टेट बाजार में बड़ा बदलाव आने वाला है. सरकारी राजस्व में बढ़ोतरी के साथ आमजन पर जमीन खरीदने का भार भी बढ़ेगा.