सितंबर में लगा दें हरी मटर की ये 5 किस्में, 160 क्विंटल तक होगा उत्पादन!
सितंबर का तीसरा सप्ताह हरी मटर की फसल लगाने के लिए सबसे बेहतर माना जाता है. मटर की फसल कम दिनों में तैयार हो जाती है और किसानों को अच्छा उत्पादन भी मिलता है. जरूरी है कि किसान वैज्ञानिक विधि से हरी मटर की फसल उगाएं, इसके साथ-साथ किसान उन्नत किस्म का चयन करें, अच्छी किस्म का चयन करने से कम लागत में किसानों को ज्यादा उत्पादन मिलेगा. हरी मटर की कई ऐसी किस्म हैं जो कम दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती हैं और कई बार उपज देती हैं. कुछ किस्में 30 से 40 दिनों में भी उपज देने के लिए तैयार हो जाती है.
जिला उद्यान अधिकारी डॉ पुनीत कुमार पाठक ने बताया कि आर्किल हरी मटर की एक लोकप्रिय और तेज़ी से बढ़ने वाली किस्म है. यह किस्म अन्य किस्मों की तुलना में बहुत जल्दी तैयार हो जाती है. आमतौर पर बुवाई के 60 से 65 दिनों में ही पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. किसान इससे तीन तुड़ाई कर सकते हैं. यह किस्म प्रति हेक्टेयर 80 से 100 क्विंटल तक हरी फली की ऊपज देती है. यह किस्म कई आम बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी होती है. इसकी उच्च गुणवत्ता और अच्छी पैदावार के कारण बाजार में इसकी काफी मांग रहती है.
60 दिन बाद कर सकते हैं तुड़ाई बोन्ने विले मटर की एक बेहतरीन किस्म है. यह किस्म 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक ऊपज देती है और पहली बार तुड़ाई के लिए 60 से 70 दिन में तैयार हो जाती है. इस किस्म की अच्छी देखभाल करने पर इससे दो से तीन तुड़ाई कर सकते हैं. वहीं अगर किसान इस किस्म को पकाना चाहते हैं तो यह 135 दिन का समय लेती है. यह किस्म कई आम बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी होती है, जिससे फसल नुकसान का जोखिम कम होता है.
140 क्विंटल तक होगा उत्पादन आजाद मटर 3 अपनी मिठास और स्वाद के लिए जानी जाती है. इस किस्म के पौधे गहरे हरे रंग के होते हैं. बुवाई के लगभग 40 दिनों बाद पुष्प खिलते हैं. यह किस्म मध्यम पकने वाली होती है. दाने मध्यम आकार के और अच्छे गुणवत्ता वाले होते हैं. आजाद मटर 3 का उपयोग सब्जी, दाल बनाने और विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है. यह 50 से 55 दिन में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है और एक हेक्टेयर से 120 से 140 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं एवं 3 से 4 बार तुड़ाई कर सकते हैं
3 बार मिलेगा कमाई का मौका काशी मुक्ति मटर की एक लोकप्रिय किस्म है. यह मटर की एक अगेती किस्म है, यानी यह कम समय में तैयार हो जाती है. 50 दिन में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है और इस किस्म की अच्छी देखभाल करने से 3 से 4 बार तुड़ाई कर सकते हैं. मटर की यह किस्म 140 से 160 क्विंटल तक उत्पादन देती है. अन्य किस्मों की तुलना में यह गर्मी को बेहतर तरीके से सहन कर सकती है. इसका स्वाद काफी मीठा होता है. प्रत्येक पौधे से 2 से 3 शाखाएं निकलने के साथ 10 से 12 फलियां प्राप्त होती हैं.
काशी उदय मटर की बना देगी मालामाल काशी उदय मटर की एक उन्नत किस्म है. इस किस्म के मटर की फलियां गहरे हरे रंग की लंबी और मोटी होती है. दाने भी बड़े और चमकदार होते हैं. पौधे की ऊंचाई 55 से 58 सेमी तक होती है. प्रत्येक पौधे से लगभग 10 से 14 फलियां प्राप्त होती है. प्रत्येक फली का औसत भार 8 से 10 ग्राम होता है. इसकी तीन से चार बार तुड़ाई की जा सकती है और पहले तुड़ाई 60 से 65 दिनों में हो जाती है. इस किस्म से किसान 140 से 160 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन ले सकते हें.