वी शांताराम एक प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक हैं जिन्हें हिंदी और मराठी फिल्मों में उनके काम के लिए जाना जाता है। उनकी कुछ प्रसिद्ध फिल्में डॉ. कोटनीस की अमर कहानी (1946), अमर भोपाली (1951), झंकार झंकार पायल बजे (1955), दो आँखें बारह हाथ (1957), नवrang (1959), दुनिया ना माने (1937), पिंजरा (1972), चनी, आये मराठी नगरी और जुन्ज़ हैं। वह एक अभिनेता, निर्देशक, लेखक, संपादक और निर्माता भी हैं। उन्हें भारतीय सिनेमा का एक विजनरी माना जाता है जिन्होंने अपनी तकनीकी नवाचारों और प्रगतिशील सामाजिक विषयों के माध्यम से सिनेमा के दृष्टिकोण को बदलने और प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी फिल्में न केवल उनकी तकनीकी क्षमताओं के लिए जानी जाती हैं, बल्कि उनके सामाजिक संदेशों और संवेदनशीलता के लिए भी जानी जाती हैं। उनकी फिल्में भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण योगदान हैं और उनकी विरासत आज भी जीवित है।
तीन चाचा भाई मथुरा में बाइक गड्ढे में गिरने के बाद मर गए; यूपी सीएम ने मृत्यु पर शोक व्यक्त किया
मथुरा: एक सम्बन्धी के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए तीन चाचा भतीजे एक मोटरसाइकिल से जा…

