Uttar Pradesh

“शुरू मजबूरी में किया था, अब मजा आने लगा है”, दिलचस्प है IFS कैलाश प्रकाश की कहानी 



शाश्वत सिंह/झांसी: एक फिल्म का मशहूर डायलॉग है, “शुरु मजबूरी में किया था अब मजा आने लगा है”. कुछ ऐसी ही कहानी है झांसी में कार्य कर रहे एक इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के अधिकारी की. आईएफएस कैलाश प्रकाश झांसी में वन संरक्षक के तौर पर कार्यरत हैं. 1990 बैच के आईएफएस कैलाश बताते हैं कि उन्हें पहली पोस्टिंग पीलीभीत टाइगर रिजर्व में हुई थी . यहां लगातार काम करते हुए उन्होंने टाइगर की संख्या दोगुनी कर दी. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार भी मिला.

कैलाश प्रकाश बताते हैं कि जब उनके माता-पिता को पता चला कि उनका चयन वन अधिकारी के तौर पर हुआ है तो उन्हें थोड़ा डर लगा. लेकिन, जल्द ही उन्हें समझ आ गया कि जंगल से बढ़िया कोई जगह नहीं है. कैलाश कहते हैं कि शुरुआत में उन्हें भी थोड़ा डर लगता था. लेकिन, बाद में उन्हें इसमें ही मजा आने लगा. जब वह कम से बोर हो जाते थे तो उठकर जंगल में घूमने चले जाते थे.

बन गए वाइल्डलाइफ फोटोग्राफरकैलाश प्रकाश ने बताया कि पीलीभीत में नौकरी के दौरान उन्हें वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी का भी शौक लग गया था. उनका यह शौक आज भी जारी है. हाल ही में झांसी स्थित सेंट्रल एग्रोफोरेस्ट्री रिसर्च इंस्टिट्यूट में उनकी तस्वीरों की एक एग्जीबिशन भी लगाई गई थी. कैलाश प्रकाश कहते हैं कि जंगल से सुंदर कुछ भी नहीं है. हर व्यक्ति को जंगल जरूर जाना चाहिए. सबसे ज्यादा शांति व्यक्ति को यहीं मिलती है.
.Tags: Jhansi news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : February 4, 2024, 09:01 IST



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