Last Updated:July 17, 2025, 09:25 ISTHanuman Chalisa Chaupai: हनुमान चालीसा की कुछ ऐसी चमत्कारी चौपाई हैं, जिनका अगर आप रोजाना जाप कर देंगे तो आपको चमत्कारी लाभ मिलेगा. आइए जानते हैं इनका महत्व.अयोध्या: अगर आप पवन पुत्र हनुमान की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं. हनुमान जी का आशीर्वाद चाहते हैं. जीवन में कई तरह की परेशानी आ रही है हनुमान जी से उस परेशानी का मुक्ति चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में हनुमान चालीसा के बारे में बताते हैं. कहा जाता है जिसका अनुसरण करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और जीवन में चल रही तमाम तरह की परेशानियों से मुक्ति भी देते हैं. अगर आप हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करते हैं तो ऐसा करने से जीवन में कभी भी कोई परेशानी नहीं आती है. लेकिन प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए आपको सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना होगा. उसके बाद पूजा स्थल पर जाकर विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करना होगा. फिर हनुमान जी की आराधना करने के साथ उनके चालीसा का पाठ करना चाहिए. कहा जाता है कि हनुमान जी ही एक ऐसे कलयुग में देवता हैं, जो जागृत रूप में विराजमान हैं. जिनका अनुसरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं. तो चलिए हनुमान चालीसा की कुछ चौपाई के बारे में विस्तार से जानते हैं.
दरअसल हनुमान चालीसा में कई ऐसी चौपाई हैं, जो अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, जिसका जाप करने से व्यक्ति को कई तरह के फल की प्राप्ति भी होती है, लेकिन संतों का ऐसा मानना है कि जब भी आप हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, तो उसका अर्थ भी आपको पता होना चाहिए. तभी आपको उस चौपाई का पुण्य फल प्राप्त होगा. गोस्वामी तुलसीदास हनुमान चालीसा में लिखते हैं कि ‘प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं, जलधि लांघि गये अचरज नाहीं’… इस चौपाई के माध्यम से भक्त हनुमान जी की शक्ति और प्रभु राम के प्रति हनुमान जी का जो समर्पण है, उसका वर्णन करता है. जिस प्रकार समुद्र पार करके पवन पुत्र हनुमान लंका पर जाते हैं और अपने परम स्वामी श्री राम की अंगूठी का सहारा लेकर वह लंका पर पहुंचते हैं . इस चौपाई के बारे में विस्तार से शशिकांत दास बताते हैं
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं….अर्थात यह चौपाई हनुमान जी के लंका यात्रा करने के बारे में बताई गई है. जब हनुमान जी लंका के लिए जाते हैं, तो वह प्रभु श्री राम की अंगूठी को अपने मुख में रख लेते हैं.
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं….अर्थात हनुमान जी महाराज इतने बलशाली थे कि वह प्रभु राम का नाम अनुसरण करते हुए पूरे समुद्र को पार कर गए, जिससे कोई आश्चर्यचकित होने की बात नहीं .इस चौपाई के माध्यम से प्रभु राम के प्रति किस तरह हनुमान जी का समर्पण है उसका वर्णन किया गया है.
शशिकांत दास बताते हैं कि हनुमान चालीसा की प्रत्येक चौपाई में कई रहस्य भी होते हैं, जिसका व्यक्ति अगर अनुसरण प्रतिदिन करता है तो उसे न केवल प्रभु राम और हनुमान की भक्ति का पता चलता है, बल्कि जीवन में चल रही तमाम तरह की परेशानियों का अंत भी होता है.Location :Ayodhya,Faizabad,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshप्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं, जलधि लांघि गये अचरज नाहीं…चमत्कारी चौपाई