Last Updated:July 23, 2025, 23:19 ISTश्रावण मास के अवसर पर मथुरा स्थित द्वारकाधीश मंदिर में ठाकुर जी लाल मखमल के हिंडोले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देते हैं. यह परंपरा पूरे सावन मास तक चलती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं.मथुरा- श्रावण मास का पवित्र महीना मथुरा में विशेष महत्व रखता है. इसी क्रम में ठाकुर द्वारकाधीश मंदिर में श्रावण मास के अवसर पर हिंडोले और घटाओं के विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इन सभी आयोजनों का निर्धारण मंदिर के गोस्वामी श्री श्री 108 डॉक्टर वागीश कुमार जी महाराज (तृतीय पीठाधीश्वर, कांकरोली नरेश) के दिशा-निर्देशन में किया जाता है. कार्यक्रमों की सफल व्यवस्था युवराज वेदांत कुमार जी महाराज एवं सिद्धांत कुमार जी महाराज द्वारा की जा रही है.
लाल मखमल हिंडोले में ठाकुर जी के दर्शनआज सावन सप्तमी कृष्ण पक्ष के शुभ अवसर पर ठाकुर द्वारकाधीश जी महाराज ने लाल मखमल के मनोहारी हिंडोले में विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन दिए. यह विशेष झांकी शाम 5:10 से 5:40 बजे तक भक्तों के लिए खुली रही. इसी तरह प्रतिदिन सावन मास के दौरान भगवान के हिंडोला दर्शन होते रहेंगे.
बाल कृष्ण को लाड लड़ाने की परंपरा
पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के अनुसार, सावन मास में भगवान श्रीकृष्ण को बाल रूप में लाड लड़ाने की विशेष परंपरा रही है. मंदिर में ठाकुर जी को बालक के रूप में स्थापित किया गया है और उन्हीं की तरह उनका पालन-पोषण, श्रृंगार और सेवा की जाती है. भगवान को जिस सहजता से झूले में झुलाया जाता है, वह भक्तों के लिए एक अलौकिक अनुभव होता है.
मंदिर प्रांगण की अद्भुत सजावटमंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि श्रावण मास में मंदिर प्रांगण को विशेष रूप से सजाया-संवारा जाता है. रोजाना नए हिंडोले और श्रृंगार के साथ ठाकुर जी का दर्शन भक्तों को कराया जाता है. भक्त बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचकर इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बनते हैं.
हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थितिहर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु ठाकुर द्वारकाधीश जी के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते हैं. श्रद्धा, भक्ति और आयोजन की भव्यता को देखकर भक्त अपने आप को धन्य मानते हैं. मंदिर की नकाशी, भव्यता और सजावट मन मोह लेने वाली होती है, जो हर किसी को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है.Location :Mathura,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshश्रावण मास में लाल मखमल के हिंडोले पर विराजे ठाकुर द्वारकाधीश, दर्शन को उमड़ा