shocking retirement will pucovski called off his career at age of just 27 due to many concussions | मैं कभी क्रिकेट नहीं खेलूंगा… 27 की उम्र में उभरते स्टार का करियर हुआ था खत्म, संन्यास ने सबको चौंकाया

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shocking retirement will pucovski called off his career at age of just 27 due to many concussions | मैं कभी क्रिकेट नहीं खेलूंगा... 27 की उम्र में उभरते स्टार का करियर हुआ था खत्म, संन्यास ने सबको चौंकाया



कई क्रिकेटर्स बीते कुछ समय में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं. हाल ही में वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज निकोलस पूरन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया. महज 29 साल की उम्र में उनके इस फैसले ने हर किसी को हैरान किया. ऐसे ही एक युवा बल्लेबाज ने सिर्फ 27 की उम्र में क्रिकेट छोड़ने का फैसला कर हैरान कर दिया था. इसी साल की शुरुआत में इस बल्लेबाज ने अपने इस फैसले से फैंस को चौंकाया. हालांकि, इसके पीछे एक बड़ी वजह रही. एक समय पर फ्यूचर स्टार माने जाने वाला यह बल्लेबाज है कौन और 27 की उम्र क्रिकेट छोड़ने का फैसला क्यों लिया? आइए जानते हैं…
27 की उम्र… मजबूरी में लिया संन्यास
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के सबसे बेहतरीन उभरते बल्लेबाजों में से एक माने जाने वाले विल पुकोवस्की ने इसी साल अप्रैल में संन्यास ले लिया. 27 साल के इस स्टार को मजबूरी में यह फैसला लेना पड़ा. पुकोवस्की ने इसके बारे में कहा कि वह आगे से किसी भी तरह का क्रिकेट नहीं खेलेंगे. विल पुकोवस्की को ऑस्ट्रेलिया के अगले बड़े सितारे के रूप में देखा जा रहा था. उन्होंने अपने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया था और उनकी बल्लेबाजी तकनीक और धैर्य की खूब तारीफ होती थी. 
इस वजह से लिया फैसला
एक इमोशनल इंटरव्यू में पुकोवस्की ने बताया था कि बार-बार सिर लगती गेंदें और कन्कशन से जूझने के कारण उन्हें इस फैसले पर आना पड़ा. पुकोवस्की ने बताया था कि चोट के बाद के प्रभावों ने उनके दैनिक जीवन पर बहुत बुरा असर डाला. इस युवा ने यह भी कहा था कि जब भी वह अपने बाएं हिस्से में हो रही चीजों पर फोकस करना चाहते थे तो उसे उल्टी और चक्कर आने जैसा महसूस होता था. 
13 बार सिर पर लगी गेंद
बता दें कि बैटिंग करते समय उन्हें 13 बार सिर पर चोट लगी थी. विक्टोरिया के लिए अपने आखिरी प्रोफेशनल मैच (मार्च 2024) में पुकोवस्की के सिर पर तस्मानिया के तेज गेंदबाज रिले मेरेडिथ की एक गेंद लग गई थी, जिसके कारण उन्हें रिटायर हर्ट होना पड़ा. इस मैच के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मेडिकल पैनल ने सिफारिश की कि वह अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए अपने युवा करियर को खत्म कर दें.
‘मैं अब दोबारा क्रिकेट नहीं खेलूंगा’
पुकोवस्की ने SEN को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘मैं अब दोबारा क्रिकेट नहीं खेलूंगा. यह वाकई बहुत मुश्किल साल रहा है, इसे जितना संभव हो सके उतना सरल शब्दों में कहें तो. सरल संदेश यह है कि मैं अब किसी भी स्तर पर नहीं खेलूंगा. उस (पिछली चोट) के बाद के कुछ महीनों में मुझे कुछ भी करने में परेशानी होती थी, घर में घूमना भी मेरे लिए मुश्किल था.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मेरी मंगेतर इस बात से नाराज थी कि मैं घर के कामों में हाथ नहीं बंटाता था. मैं बहुत ज्यादा सोता था. उसके बाद से यह एक मुश्किल साल रहा, बहुत सारे लक्षण दूर नहीं हुए, जिसके कारण मुझे यह फैसला लेना पड़ा. पहले कुछ महीने बहुत बुरे थे, लेकिन हालात ने मेरा पीछा नहीं छोड़ा.’
भारत के खिलाफ किया था टेस्ट डेब्यू
संन्यास लेने से पहले तक का उनका करियर बेहद प्रभावशाली रहा. 2017 में अपने फर्स्ट क्लास डेब्यू के बाद से पुकोवस्की ने 36 मैचों में 2350 रन बनाए, जिसमें 7 शतक और 9 अर्धशतक शामिल हैं. शेफील्ड शील्ड में भी पुकोवस्की ने शानदार प्रदर्शन किया. घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन का इनाम उन्हें टेस्ट डेब्यू के रूप में मिला, जब 2021 में उन्होंने भारत के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया. इस मैच की पहली पारी में उन्होंने 62 रन बनाए थे. हालांकि, किसे पता था कि उनका यह पहला ही मैच आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला बन जाएगा.
पुकोवस्की ने अपने संन्यास लेने के फैसले के बारे में यह भी बताया था कि उन्हें मेडिकल पैनल ने रिटायर होने की सलाह दी. उन्होंने कहा, ‘जब आप संघर्ष कर रहे होते हैं, तो कोई बड़ा फैसला लेना कठिन होता है. मेडिकल पैनल ने मुझे रिटायर होने की सलाह दी और इसे स्वीकार करना वाकई मुश्किल था. तकनीकी रूप से आप किसी को किसी भी चीज से रिटायर नहीं कर सकते. यह मेरे लिए स्पष्ट था कि यह एक मजबूत सिफारिश थी, लेकिन अंतिम फैसला मुझे ही लेना था.’
’15 साल और खेलना चाहता था’
इस युवा बल्लेबाज ने आखिर में कहा, ’27 साल की उम्र में, मेरे सामने बहुत कुछ है और मेरे पास अपने जीवन में बहुत सी चीजें हैं जो मैं हासिल करना चाहता हूं. मैं अगले 15 साल और खेलना चाहता था और वह मुझसे छीन लिया गया, जो कि काफी बुरा है. कम से कम मुझे पता है कि मेरे सिर पर फिर से चोट नहीं लगेगी, लेकिन जब लक्षण रहते हैं, तो यह डरावना होता है.’ उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि मैं इन चोटों से पहले कैसा था और मुझे पता है कि मैं अब क्या हूं. मेरे परिवार और दोस्तों ने मुझमें एक अंतर देखा है और यह मेरे और उनके लिए डरावना है.’



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