शाहजहांपुर. एमपी एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) ने एक शिष्या का यौन शोषण करने के मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री (Former Union Minister of State for Home) स्‍वामी चिन्‍मयानंद सरस्वती (Swami Chinmayanand Saraswati) को गुरुवार को दोषमुक्त कर दिया. चिन्मयानंद के वकील फिरोज हसन खान ने बताया कि एमपी एमएलए कोर्ट ने कोई सबूत न होने कारण उन्हें बरी कर दिया है.

बता दें कि 2011 में शाहजहांपुर के मुमुक्षु अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद पर उनकी ही शिष्या ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था. हालांकि, बाद में चिन्मयानंद पर रेप और धमकी देने का आरोप लगाने वाली शिष्या बाद में अपने बयान से मुकर गई थी. उसने कोर्ट में कहा कि चिन्मयानंद ने उसके साथ कभी कोई अपराध नहीं किया. इसी बयान के आधार पर चिन्मयानंद बरी किए गए.

उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से चिकित्सक व पीड़िता के अलावा रिपोर्ट दर्ज कराने वाले लेखक खुर्शीद (Khurshid), रेडियोलॉजिस्ट एमपी गंगवार (MP Gangwar) और बीपी गौतम (BP Gautam) ने गवाही दी है. वकील खान ने बताया कि अदालत ने स्वामी चिन्मयानंद को इस मामले में दोषी न पाते हुए उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया है. यौन शोषण मामले में स्वामी चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से 19 दिसंबर, 2022 को अग्रिम जमानत मिल गई थी, तबसे यह मामला अदालत में विचाराधीन था.

ज्ञात हो कि साल 2011 में पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और मुमुक्षु आश्रम (Mumukshu Ashram) के अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद की एक शिष्या ने उन पर बंधक बनाकर दुराचार करने का आरोप लगाया था. शिष्या ने इस संबंध में चौक कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी. तब से यह मामला शाहजहांपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है. इसके बाद कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को पेशी के लिए कई समन भेजे. लेकिन कोर्ट के समक्ष पेश न होने पर उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट भी जारी किया गया था.
.Tags: False Rape Case, Union Minister, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : February 2, 2024, 03:17 IST



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