Shefali Jariwala death: बॉलीवुड और म्यूजिक इंडस्ट्री की मशहूर हस्ती शेफाली जरीवाला की 42 साल की उम्र में अचानक हुई मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. ‘कांटा लगा’ गाने से घर-घर में पहचान बनाने वाली इस एक्ट्रेस का शुक्रवार देर रात कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया. शेफाली की मौत की खबर ने न केवल उनके प्रशंसकों को सदमे में डाला, बल्कि महिलाओं में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक लाइफस्टाल और अनदेखी स्वास्थ्य समस्याएं महिलाओं को इस जानलेवा बीमारी का नया शिकार बना रही हैं. आइए, इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करते हैं.
शेफाली जरीवाला को फिटनेस और हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए जाना जाता था. उनके निधन की खबर के बाद सोशल मीडिया पर उनके आखिरी पोस्ट वायरल हुए, जिसमें वे फैंस के साथ तस्वीरें शेयर कर रही थीं. लेकिन शुक्रवार देर रात अचानक तबीयत बिगड़ने पर उनके पति पराग त्यागी उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. शुरुआती रिपोर्ट्स में कार्डियक अरेस्ट को मौत का कारण बताया गया है, हालांकि मुंबई पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने जांच शुरू कर दी है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जिससे मौत की सटीक वजह सामने आएगी. इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या फिट रहने के बावजूद दिल की बीमारी से बचा नहीं जा सकता?
महिलाएं क्यों बन रही हैं निशाना?हाल के वर्षों में महिलाओं में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़े हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं में दिल की बीमारी के लक्षण पुरुषों से अलग हो सकते हैं, जिसकी वजह से वे इन संकेतों को नजरअंदाज कर देती हैं. डॉक्टरों का मानना है कि हार्मोनल बदलाव, खासकर मेनोपॉज के बाद, तनाव, अनियमित खानपान और शारीरिक निष्क्रियता इन खतरों को बढ़ाते हैं. एक शोध के मुताबिक, भारत में 15-49 साल की 18.69% महिलाएं अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं, जो दिल की बीमारी का प्रमुख कारण है.
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षणमहिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण भी असामान्य हो सकते हैं, जैसे थकान, सांस फूलना, और ऊपरी शरीर में दर्द, जो अक्सर तनाव या थकान समझ लिया जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाएं अपनी सेहत को प्रायोरिटी देने में पीछे रहती हैं, जो इस समस्या को और गंभीर बनाता है. शेफाली की तरह कम उम्र में भी कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ रहा है, जो चिंता का विषय है.
विशेषज्ञों की रायमेदांता हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजेश गुप्ता के अनुसार, महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने की एक बड़ी वजह तनाव और खराब लाइफस्टाइल है. करियर, परिवार और सामाजिक दबाव के बीच वे अपनी सेहत की अनदेखी करती हैं. नियमित जांच और स्वस्थ आदतें अपनाना जरूरी है. वे सुझाव देते हैं कि ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर की नियमित निगरानी से खतरा को कम किया जा सकता है.
बचाव के उपाय* हेल्दी डाइट: तले-भुने और प्रोसेस्ड फूड से बचें, फल-सब्जियों को शामिल करें.* नियमित व्यायाम: रोजाना 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि दिल को हेल्दी रखती है.* तनाव प्रबंधन: योग और मेडिटेशन से मेंटल हेल्थ को बेहतर करें.* धूम्रपान छोड़ें: सिगरेट और शराब से पूरी तरह परहेज करें.* मेडिकल चेकअप: समय-समय पर दिल की सेहत की जांच कराएं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.