Last Updated:August 08, 2025, 22:32 ISTPilibhit News: पीलीभीत जिले की आबादी का एक बड़ा हिस्सा शारदा नदी के किनारे बसा है. शारदा नदी के पार भी तकरीबन 1 लाख से अधिक आबादी बसी है. इस इलाके की आबादी के पास जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए दो विकल्प होते हैं…और पढ़ेंपीलीभीत. वैसे तो शारदा नदी पीलीभीत ही नहीं बल्कि यूपी के तमाम जिलों के लिए लाइफलाइन से कम नहीं है. मगर बरसात के दौरान वरदान स्वरूप शारदा नदी, अपने आसपास बसे लोगों के लिए काल साबित हो जाती है. शारदा पार के लोगों को लगभग 3 महीनों से भी अधिक समय तक तहसील या फिर जिला मुख्यालय आने के लिए 100 किलोमीटर अधिक का सफर तय करना पड़ता है.
पीलीभीत जिले की आबादी का एक बड़ा हिस्सा शारदा नदी के किनारे बसा है. शारदा नदी के पार भी तकरीबन 1 लाख से अधिक आबादी बसी है. इस इलाके की आबादी के पास जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए दो विकल्प होते हैं. पहला शारदा नदी पर बने पुल से आवागमन या फिर खीरी जिले के पलिया कस्बे के रास्ते सड़क मार्ग से . लेकिन सड़क मार्ग पुल की अपेक्षा अधिक लंबा पड़ता है. ऐसे में अधिकांश लोग पैंटून पुल से आवागमन का विकल्प चुनते हैं.
शारदा का बढ़ा जलस्तरपहाड़ों पर बारिश के चलते शारदा नदी का जलस्तर उफान पर रहता है. लगभग हर साल नदी से सटे इलाकों में बाढ़ का दंश देखने को मिलता है. इसी को देखते हुए पैंटून पुल को हटा दिया जाता है. हर साल की तरह इस बार भी 15 जून को यह पुल पूरी तरह से हटा दिया गया था. वैसे तो पुल हटाए जाने के बाद पैदल या फिर बाइक के जरिए पूरनपुर या पीलीभीत आने वाले लोग नाव का सहारा ले लेते हैं. मगर बरसात की आहट के साथ से ही नाव का विकल्प भी नहीं रहता. बरसात के दौरान लगभग 3 महीनों से भी अधिक समय के लिए अगर किसी को तहसील या फिर जिला मुख्यालय आना है तो उसे पड़ोसी जिले खीरी के पलिया कस्बे के रास्ते पूरनपुर या पीलीभीत आना पड़ता है. ऐसे में शारदा को पर कर पूरनपुर से जो दूरी 30 किलोमीटर होती है वह बरसात के दिनों में 130 किलोमीटर हो जाती है.
Location :Pilibhit,Uttar PradeshFirst Published :August 08, 2025, 22:32 ISThomeuttar-pradeshशारदा का बढ़ा जलस्तर बना हजारों की आबादी के लिए काल,