निखिल त्यागी/सहारनपुर : सहारनपुर के किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ आधुनिक खेती की ओर भी अग्रसर हो रहे है. जनपद में मशरूम की खेती बड़े स्तर पर किसानो द्वारा की जा रही है. मशरूम की खेती करते वक्त अतिरिक्त देखभाल करना बहुत जरूरी है. लापरवाही के कारण किसान को मुनाफे की जगह भारी नुकसान भी उठाना पड़ जाता है. किसान मशरूम की खेती करते वक्त विशेषज्ञों द्वारा दिये गए सुझाव अपना कर मशरूम को सेहतमंद बना सकते है.सहारनपुर के कृषि विशेषज्ञ डॉ. आई के कुशवाह ने बताया कि इस समय जनपद में किसानों द्वारा ढींगरी मशरूम की खेती की जा रही है. कई किसानों के द्वारा लगाई गई यह मशरूम अब तैयार हो चुकी है. उन्होंने बताया कि जिन मशरूम उत्पादन इकाइयों में ढींगरी मशरूम की खेती समाप्त हो गई है, उन किसानों ने बटन मशरूम की तैयारी करना शुरू कर दिया है. डॉक्टर आई के कुशवाहा ने कहा कि मशरूम की खेती करने वाले सभी किसानों को कृषि विशेषज्ञ की सलाह पर अपने उत्पाद की देखभाल करना अति आवश्यक है.कैसे करें मशरूम की खेतीजनपद के मशरूम विशेषज्ञ डॉक्टर आई के कुशवाहा ने बताया कि बटन मशरूम उत्पादन इकाइयों में किसानों के सामने कुछ समस्याएं देखने में आई है. उत्पादकों द्वारा बताया गया है की कम्पोस्ट सही तरीके से तैयार नही हुई है. ज्यादा नमी के कारण कम्पोस्ट में ग्रीन मोल्ड की समस्या देखी गई है. उन्होंने कहा कि सफेद बटन मशरूम के जिन बैग में ग्रीन मोल्ड की समस्या है, उनमें किसान तत्काल फफूंदी नाशक छिड़काव करें. इससे निश्चित रूप से रोकथाम हो जाएगी.और यदि मशरूम कम्पोस्ट का पूरा बैग ही ग्रीन मोल्ड से ग्रसित है तो उसको तुरन्त हटा देना चाहिए.गंदगी से हो सकता है मशरूम को नुकसानडॉ. आई के कुशवाहा ने किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि कई क्षेत्रों में मशरूम उत्पादन इकाइयों के आसपास काफी गंदगी देखने को मिली है. उन्होंने बताया कि गंदगी के कारण पैदा होने वाले कीट से भी मशरूम की खेती प्रभावित हो रही है. गंदगी में पनप रही मक्खियां मशरूम के पूरे बैग को प्रभावित कर देती है. मशरूम उत्पादक किसानों से अनुरोध करते हुए कहा कि उत्पादन इकाई में बने कमरों के दरवाजों को पूरी तरह पैक कर दें. जिससे कोई भी कीट कमरे के अंदर न जाने पाए. इसके अलावा किसानों को कंपोस्ट बैग के ऊपर कीटनाशक दवाइयो का छिड़काव भी करना चाहिए..FIRST PUBLISHED : November 22, 2023, 20:43 IST



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