लखनऊ: बिसाटी बाजार में हुई विस्फोट के बाद कानपुर पुलिस में सात पुलिसकर्मियों को गैरजिम्मेदारी के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। इसमें कानपुर पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त, थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी शामिल हैं। हालांकि, कानपुर पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने इस घटना से आतंकवादी संबंध को नकार दिया है। आयुक्त ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए स्पष्ट किया कि यह घटना अवैध फटाकों के संग्रह से जुड़ी है, और किसी भी कट्टरपंथी समूह या संगठन से जुड़ी नहीं है। आयुक्त ने कहा, “यह पूरी तरह से स्थानीय घटना है, जिसमें अवैध फटाकों के संग्रह से जुड़ा है। किसी भी आतंकवादी संगठन के साथ जुड़े होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं।” इस घटना में आठ लोग घायल हो गए थे। सस्पेंड पुलिस अधिकारियों में थाना प्रभारी विक्रम सिंह, चौकी प्रभारी रोहित तोमर, कांस्टेबल चेतन कुमार, अमित कुमार, ब्रह्मानंद, और हेड कांस्टेबल इमाम-उल-हक शामिल हैं। आयुक्त लाल ने यह भी पुष्टि की कि अवैध फटाकों के संग्रह के लिए लाइसेंस के बिना लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है, और अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इससे पहले, रिपोर्टों में बताया गया था कि विस्फोट एक स्कूटर से हुआ था, जो एक दुकान के बाहर खड़ा था। हालांकि, बाद में सीसीटीवी फुटेज में पता चला कि वास्तव में विस्फोट एक कार्डबोर्ड बॉक्स में हुआ था, जो एक दुकान के बाहर रखा गया था। फुटेज में एक अचानक स्पार्क के बाद एक बड़े विस्फोट का दृश्य दिखाई दिया।

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