Benefits of Semi Squat Yoga: आज के समय बहुत से लोग डेस्क वर्क कर रहते हैं. ऐसे में उन्हें घंटों घुटनों को मोड़कर बैठना पड़ता है, जिसके कारण घुटनों में दर्द होने की समस्या आम हो जाती है. लेकिन योग से जरिए आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं. अर्ध-उकड़ू योगासन या ‘नी मूवमेंट’ करने से न केवल आपके घुटनों को मजबूती मिलती है, बल्कि यह हेल्दी भी रहते हैं.
आयुष मंत्रालय ने बताया अर्ध-उकड़ू के फायदेभारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने घुटनों और कूल्हों की सेहत के लिए अर्ध-उकड़ू योगासन को फायदेमंद बताया है. इस योग को ‘नी मूवमेंट’ के नाम से भी जाना जाता है, यह योग शरीर के निचले हिस्से की ताकत और मोबिलिटी को बढ़ाने का काम करता है. रोजाना इसकी प्रैक्टिस से घुटनों और कूल्हों के ज्वाइंट्स मजबूत होते हैं, लचीलापन बढ़ता है और मसल्स कोऑर्डिनेशन बेहतर होता है.
कैसे करें अर्ध-उकड़ू?अर्ध-उकड़ू योगासन एक आसान है, जिसे आप घर पर भी कर सकते हैं. इसे करने के लिए सबसे पहले, सीधे खड़े हो जाएं और अपने पैरों को कूल्हे की चौड़ाई के बराबर रखें. अब धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ते हुए स्क्वाट पोजीशन में आए, लेकिन पूरी तरह नीचे न बैठें. इस दौरान अपने घुटनों को आधा मोड़ें और रीढ़ को सीधा रखें. इसके बात हाथों को कमर पर या सामे जोड़कर रख सकते हैं. इस स्थिति में नॉर्मल ब्रीदिंग करते हुए 10 से 15 सेकंड तक रुकें. इसके बाद धीरे-धीरे वापस खड़े हो जाएं. ये हाफ स्क्वाट की तरह लगता है. इस प्रोसेस को 5 से 10 बार करें. अपने इन रिपीटेशन धीरे-धीरे बढ़ सकते हैं.
अर्ध-उकड़ू के फायदेयह योगासन घुटनों और कूल्हों के ज्वाइंट्स को मजबूत करता है, जिससे डेली एक्टिविटी में आसानी होती है. यह बॉडी फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाता है, जो उम्र बढ़ने के साथ-साथ ज्वाइंट्स की जकड़न को भी कम करने में मददगार है. रोजाना इसकी प्रैक्टिस से ज्वाइंट्स को दर्द कम हो कता है और उनकी क्षमता बढ़ती है. खासकर उन लोगों के लिए ये ज्यादा फायदेमंद है, जो लंबे एक जगह पर लंबे समय तक बैठे रहते हैं या जिन्हें हल्की ज्वाइंट पेन रहती है.
अर्ध-उकड़ू करने से पहले बरते सावधानियांअर्ध-उकड़ू बेहद फायदेमंद होता है. लेकिन इसकी प्रैक्टिस के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी की जरूरत पड़ती है. मंत्रालय के अनुसार, इस आसन को बेहद सावधानी के साथ करना चाहिए. वहीं गठिया जैसे समस्या में, इस करने से परहेज ही करना चाहिए. इस योग को करते समय, अपनी ब्रीदिंग पर ध्यान देना चाहिए. नॉर्मल से डीप ब्रीदिंग करते रहें. गठिया, घुटनों में गंभीर दर्द या कोई दूसरी ज्वाइंट्स की समस्या होने पर, इस योग को करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें, इसे धीरे-धीरे और सरी तरीके से करें, जाकि ज्वाइंट्स पर कोई प्रेशर न पड़े. –आईएएनएस
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.