वैज्ञानिकों ने अब इतना छोटा रोबोट बना लिया है, जिसका आकार फली जितना है. कैप्सूल रोबोट के नाम से लोकप्रिय यह उपकरण मकड़ी की तरह दिखाई देता है. यह कैमरा और सेंसर से लैस है. इसकी खूबी यह है कि यह इंसान के शरीर के अंदर जाकर बीमारी की तह तक पहुंचेगा और वहीं उसका उपचार भी कर सकता है.
लीइस विश्वविद्यालय में रोबोटिक और ऑटोनोमस सिस्टम्स के प्रमुख प्रोफेसर पीटो वैलदासी ने कहा कि इस उपकरण को बनाने का उद्देश्य यह है कि यह कोलोन (बड़ी आंत का सबसे बड़ा और लंबा भाग) में जाकर बीमारी का पता लगाए और यह कम जगह में भी चलने में सक्षम है. साथ ही आसानी से निगला जा सकने वाला यह उपकरण आंत के अंदर से 360 डिग्री का व्यू भी देगा.बिना तार का उपकरणवैज्ञानिकों द्वारा बनाए गए इस उपकरण की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें अन्य उपकरणों की तरह तार नहीं लगे हैं. यह कोलोनस्कोपी, धमनियों में ब्लॉकिज की जांच से लेकर अन्य चिकित्सकीय परीक्षण में भी अहम भूमिका निभा सकता है.
ब्लीडिंग भी रोकेगारोबोट को इस तरह बनाया गया है. कि इसमें तीखे दातों की संरचना दिखाई देती है, जिनमें सर्जिकल क्लिप लगे हैं, जिससे यह रोबोट आत से रक्तस्राव भी रोक सकता है. यह रोबोट सेंसर व कैमरों की मदद से ब्लीडिंग या टिशू के पीएच का भी पता लगा सकता है.
Shivraj Patil’s last rites performed with state honours; Om Birla, Kharge present
In between, he was a member of the Maharashtra legislative assembly from Latur for two terms between 1972…

