नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राजस्थान के जोजरी नदी में औद्योगिक कचरे के निकास के मामले में स्वयं से कार्रवाई की है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि नदी में मुख्य रूप से कपड़ा और अन्य उद्योगों से निकलने वाले औद्योगिक कचरे के कारण सैकड़ों गांवों को प्रभावित किया जा रहा है। बेंच ने कहा कि इस कारण से वहां मनुष्यों और जानवरों के लिए पेयजल पीने योग्य नहीं है। बेंच ने कहा कि यह स्वास्थ्य और वहां के अन्य पर्यावरणीय प्रणालियों को भी प्रभावित कर रहा है।
बेंच ने कहा, “इस अदालत ने राजस्थान की नदी मारुधारा जोजरी के संबंध में स्वयं से कार्रवाई की है, जहां कपड़ा और टाइल फैक्ट्रियों से निकलने वाले औद्योगिक कचरे के कारण सैकड़ों गांवों और जानवरों और मनुष्यों के लिए पेयजल पीने योग्य नहीं है।”
बेंच ने कहा कि यह मामला मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जाए ताकि उचित आदेश पारित किए जा सकें और इसके बाद कार्रवाई की जा सके।

