सावन में नहीं जा सकते दूर-दराज के ज्योतिर्लिंगों तक? मिर्जापुर के ये 5 शिव मंदिर दिलाएंगे बराबर पुण्य, जानें मान्यता

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Last Updated:July 04, 2025, 18:10 ISTSawan 2025 :अगर आप किसी कारणवश रामेश्वरम, काशी विश्वनाथ या पशुपतिनाथ जैसे प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं, तो निराश होने की जरूरत नहीं है. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में स्थित पांच पौराणिक शिव मंदिरों में दर्शन करने से भी आपको वही पुण्य फल प्राप्त हो सकता है. सावन के पावन महीने में इन मंदिरों का विशेष महत्व होता है. आइए इस रिपोर्ट के जरिए जानते है इन मंदिरों के बारे में….. सावन का महीना शुरू हो रहा है. पावन महीने में शिव की सबसे ज्यादा अर्चना की जाती है और भक्त व्रत रखकर विशेष फल की कामना करते हैं. सावन माह में मिर्जापुर में पांच ऐसे शिव मंदिर है, जिनकी मान्यता पौराणिक ग्रंथों से जुड़ी हुई है. यहां दर्शन करके फल की प्राप्ति की कामना कर सकते हैं. मिर्जापुर जिले के पक्केघाट के पास बुढेनाथ महादेव का प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर की मान्यता काशी से जुड़ी हुई है. ऐसा माना जाता है कि काशी में दिन में बाबा रहते हैं और रात्रि में शयन करने के लिए विन्ध्यधाम में आते हैं. सावन में सबसे ज्यादा भक्त यहां पर आते हैं. मिर्जापुर शहर के रामबाग में ताड़केश्वर महादेव का मंदिर है. ताड़कासुर राक्षस ने अमर होने के लिए शिवलिंग की स्थापना करके शिव की पूजा की थी. जिसके बाद भगवान शिव ने उसे आशीर्वाद दिया था. यह मंदिर भी बेहद खास है. बरियाघाट स्थित पंचमुखी महादेव मंदिर मिर्जापुर का एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल है, जिसे पशुपतिनाथ मंदिर का विग्रह माना जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना नेपाल के राजा ने की थी. यहां पंचमुखी शिवलिंग के दर्शन करने से भक्तों को पशुपतिनाथ के दर्शन के समान पुण्य की प्राप्ति होती है. सावन में यहां विशेष भीड़ उमड़ती है. मिर्जापुर के शिवपुर स्थित प्राचीन रामेश्वरम महादेव मंदिर का पौराणिक महत्व अत्यधिक है. मान्यता है कि त्रेता युग में लंका विजय के पूर्व भगवान श्रीराम ने यहां शिवलिंग की स्थापना कर पूजा-अर्चना की थी. तभी से यह मंदिर रामेश्वरम के समान पुण्य देने वाला माना जाता है. सावन में यहां शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. मिर्जापुर के कंतित क्षेत्र में स्थित कंतितेश्वर महादेव मंदिर एक अत्यंत प्राचीन और श्रद्धा का केंद्र है. मान्यता है कि यहां के राजा ने स्वयं भगवान शिव की स्थापना की थी. यह मंदिर धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक महत्व दोनों का प्रतीक है. सावन के पावन महीने में यहां दर्शन करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और भक्त मनोकामनाएं पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं. मिर्जापुर में मौजूद ये पांच पौराणिक शिव मंदिर केवल धार्मिक स्थलों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये आध्यात्मिक ऊर्जा और पुरातन आस्था के केंद्र हैं. मान्यता है कि इन मंदिरों में दर्शन मात्र से काशी, पशुपतिनाथ और रामेश्वरम जैसे पुण्य तीर्थों के दर्शन के बराबर फल मिलता है. सावन जैसे पवित्र माह में इन मंदिरों के दर्शन भक्तों के लिए और भी फलदायी माने जाते हैं. अगर आप मिर्जापुर आ रहे हैं तो इन स्थलों की यात्रा ज़रूर करें.homeuttar-pradeshकाशी से कम नहीं मिर्जापुर, सावन में इन 5 शिव मंदिरों के दर्शन से मिलेगा फल

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