Uttar Pradesh

सावन के दूसरे सोमवार पर लोधेश्वर महादेव धाम में आस्था का सैलाब, हजारों कांवड़िए पहुंचे जलाभिषेक को

Last Updated:July 21, 2025, 15:04 ISTSawan 2025: बाराबंकी के प्राचीन लोधेश्वर महादेव धाम में सावन के दूसरे सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. जिले के भीतर और आसपास के क्षेत्रों से हजारों कांवड़िए भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए पहुंचे.बाराबंकी के प्राचीन लोधेश्वर महादेव धाम में सावन के दूसरे सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. जिले के भीतर और आसपास के क्षेत्रों से हजारों कांवड़िए भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए पहुंचे. श्रद्धालुओं ने नंगे पांव चलकर अपनी आस्था का प्रदर्शन किया. मंदिर परिसर में भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं. कांवड़ियों ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की. यह आयोजन एक सामान्य धार्मिक यात्रा से बढ़कर शिवभक्ति और आस्था की एक जीवंत तस्वीर है.

सावन का दूसरे सोमवार क़ो  जिले के विभिन्न मार्गों पर कांवड़ यात्री की कतारें दिखाई दी श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ की जयकारों के साथ बाराबंकी के लोधेश्वर महादेव धाम की ओर बढ़ते जा रहे हैं. ‘हर हर महादेव’ और बोल बम’ के जयघोषों से वातावरण भक्तिमय दिख रहा है.

सावन में शिवजी की पूजा से सब कुछ संभव
श्रद्धालु तपती सड़क और पथरीले रास्तों पर नंगे पांव कांवर लेकर आय कई कांवड़ यात्रियों के पैरों में छाले पड़ चुके हैं लेकिन उनकी आस्था की डोर इतनी मजबूत है कि वे पट्टी बांधकर भी चलते नजर आ रहे हैं. कोई लखनऊ से चला है, कोई गोंडा, अयोध्या, सीतापुर और बाराबंकी के दूरदराज गांवों से लोग आते है. सभी का एक ही लक्ष्य है लोधेश्वर मे जल चढ़ाना. लखनऊ से आए एक कांवड़ यात्री ने बताया कि हमने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक के लिए जा रहें हैं, जब तक जल नही चढ़ा लेते तब तक विश्राम नहीं करेंगे. वहीं एक अन्य कांवड़ यात्री ने कहा कि हम अपने बच्चों की अच्छी पढ़ाई और परवरिश के लिए भोलेनाथ के दरबार में जल चढ़ाने जा रहे हैं. सावन में शिवजी की पूजा से सब कुछ संभव है.

पांडवों ने यहां किया था शिवलिंग की स्थापनावहीं एक महिला कांवड़ यात्री राधा ने बताया कि वह अपने बीमार पति के लिए जल चढ़ाने जा रही हैं. उनके पति की दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं. अब उनका एकमात्र सहारा भगवान भोलेनाथ हैं. राधा ने कहा कि वह इस आशा के साथ कांवर लेकर निकली हैं कि भोलेनाथ उनकी मनोकामना जरूर पूरी करेंगे और उनके पति को नया जीवन मिलेगा।बता दें कि बाराबंकी के रामनगर तहसील क्षेत्र में स्थित पौराणिक लोधेश्वर महादेव धाम केवल एक मंदिर नहीं बल्कि बाराबंकी की धार्मिक पहचान है. यह महाभारत कालीन तीर्थस्थल माना जाता है. पांडवों ने यहां यज्ञ किया था और शिवलिंग की स्थापना की थी. यह धाम 52 दुर्लभ शिव पीठों में से एक है जो न सिर्फ यूपी बल्कि देशभर के भक्तों को आकर्षित करता है. सावन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा, चिकित्सा और जलपान की व्यवस्था की हुई है.Location :Bara Banki,Uttar Pradeshhomedharmसावन के दूसरे सोमवार पर लोधेश्वर महादेव धाम में आस्था का सैलाब, जानें मान्यता

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