IND vs SA: यशस्वी जायसवाल साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए हैं. 22 साल के इस बल्लेबाज ने साउथ अफ्रीका दौरे पर 4 टेस्ट पारियों में केवल 50 रन ही बनाए हैं. यशस्वी जायसवाल ने सेंचुरियन में खेले गए पहले टेस्ट में 17 और 5 रनों की पारियां खेली थी. केपटाउन में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भी यशस्वी जायसवाल ने निराश किया. यशस्वी जायसवाल ने केपटाउन में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में 0 और 28 रनों के स्कोर बनाए थे.
बुरी तरह फ्लॉप रहा 21 साल का ये खिलाड़ीसाउथ अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में बुरी तरह फ्लॉप साबित होने के बाद यशस्वी जायसवाल ने खुद का बचाव किया है. यशस्वी जायसवाल ने कहा, ‘हां, यह दौरा मेरे लिए सीखने वाला अनुभव रहा है. अलग माहौल और हर मायने में यह एक सुखद अनुभव रहा है. उन सुधारों के बारे में सीखा जो मुझे करने की जरूरत है. यहां गेंद अलग तरह से आती है और मैंने अपना सब कुछ देने की कोशिश की लेकिन मैं स्वीकार करता हूं कि चुनौतियां थीं. यह अनुभव मुझे अच्छी स्थिति में रखेगा क्योंकि मैं सीख रहा हूं और अगली सीरीज के दौरान सुधार करने का प्रयास करूंगा.’
रोहित-कोहली ने की मदद 
यशस्वी जायसवाल को कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ियों से नियमित रूप से सुझाव मिलते हैं कि स्थिति के अनुसार अपने खेल में कैसे बदलाव किया जाए जबकि कोच राहुल द्रविड़ ने उनसे खास तकनीकी पहलुओं के बारे में बात की. यशस्वी जायसवाल ने कहा, ‘राहुल सर ने मुझसे कहा कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अगर आप शॉट खेलने से चूकते हैं या गेंद आपको लगती है और फिर भी आप क्रीज पर खड़े हैं तो आप अच्छा कर रहे हैं.’ कोच की ओर से सबसे अच्छी सलाह क्या रही, इस पर जायसवाल ने कहा, ‘असल में वह चाहते हैं कि मैं खुलकर और हमेशा मुस्कुराते हुए बल्लेबाजी करूं.’
इंग्लैंड के खिलाफ मिलेगा मौका? 
यशस्वी जायसवाल को यह स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज चुनौतीपूर्ण थी और उन्होंने कहा कि भारतीय कप्तान कप्तान रोहित शर्मा ने उन्हें सकारात्मक मानसिकता बनाए रखने में मदद की. यह पूछे जाने पर कि क्या वह इंग्लैंड के खिलाफ हैदराबाद में 25 जनवरी से शुरू होने वाली आगामी टेस्ट सीरीज में बल्लेबाजी की अपनी आक्रामक शैली बरकरार रखेंगे तो जायसवाल ने कहा, ‘ऐसी कोई विशेष शैली नहीं है जिसका मैं पालन करना चाहता हूं और ऐसा नहीं है कि मेरा खेल केवल आक्रामक है. मैं टीम की जरूरत के अनुसार अपना खेल बदल सकता हूं.’



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