Uttar Pradesh

Sanskrit students do amazing feats in Vyas ceremony – News18 Hindi



व्यास समारोह के दौरान योगिक क्रियाएं करते छात्र-छात्राएं मेरठ: शैक्षिक पद्धति का अध्ययन करते हुए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराए जाते हैं. लेकिन आज हम आपको संस्कृत भाषा के ऐसे अध्यन के बारे में बताएंगे. जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा ऐसे हैरतअंगेज करतब किए जाते हैं. मेरठ: शैक्षिक पद्धति का अध्ययन करते हुए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराए जाते हैं. लेकिन आज हम आपको संस्कृत भाषा के ऐसे अध्यन के बारे में बताएंगे. जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा ऐसे हैरतअंगेज करतब किए जाते हैं. जो सभी को आश्चर्यचकित कर देते हैं. क्योंकि इस तरह के कर्तव्य वह अपने योगी बल और कुछ दिन के अभ्यास के माध्यम से करते हैं. जी हां चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में संचालित संस्कृत प्राच्य भाषा विभाग में हर वर्ष व्यास समारोह का आयोजन किया जाता है. जो भाई दूज से शुरू होकर सातदिन तक चलता है. इस दौरान जहां वाद-विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं.वहीं संस्कृत के श्लोक का अध्ययन किया जाता है.

संस्कृत के विद्यार्थी अभ्यास से मोड़ देते हैं सरियाव्यास समारोह में एक ऐसा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है .जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा योगिक बल का प्रदर्शन किया जाता है. इस प्रदर्शन का नेतृत्व डॉ राजवीर आर्य करते हैं. इसमें छात्र-छात्राओं द्वारा सिर से ट्यूबलाइट फोडना, सीने पर रखकर हथौड़े से पत्थर तोड़ना, गले और आंख के माध्यम से सरिया मोड़ने जैसे हैरतअंगेज करतब किए जाते हैं. जो सभी को हैरत में डाल देते हैं. हालांकि यह सभी करतब करने से पहले सभी छात्र छात्राओं को अच्छे से प्रशिक्षण दिया जाता है. उसके बाद ही इस तरह के करतब किए जाते हैं.
30 वर्ष पूर्व शुरू हुआ था व्यास समारोहव्यास समारोह की संयोजिका डॉ पूनम लखन पाल ने बताया कि 30 वर्ष पूर्व यह व्यास समारोह शुरू हुआ था. तब इसकी शुरुआत ₹100000 से हुई थी. संस्कृत विभाग के ही शिक्षक द्वारा इसके लिए अपनी पूरी जमा पूंजी दी गई थी. उसके बाद से शुरू हुआ यह व्यास समारोह आज विश्व भर में देखा जाता है. उन्होंने बताया कि कोरोना कॉल से इसको ऑनलाइन कराया जा रहा है. जिससे देश के साथ-साथ विदेश में बैठे संस्कृत प्रेमी भी इस समारोह का आनंद लेते हैं. उन्होंने बताया कि भारत में सिर्फ एकमात्र सीसीएसयू में व्यास समारोह आयोजित होता है. क्योंकि ऋषि व्यास के नाम से कोई भी समारोह नहीं होता था. ऐसे में मेरठ की धरती को ऋषि व्यास की धरती भी कहा जाता है. इसीलिए इस समारोह का नाम व्यास समारोह दिया गया.
रिपोर्टविशाल भटनागरमेरठपढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.हमें Facebook, Twitter, Instagram और Telegram पर फॉलो करें.



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