माघ मेला की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने माघ मेला 2025-26 के लिए जमीन के समतलीकरण का कार्य लगभग पूरा कर लिया है। इसके अलावा, पांटून ब्रिज बनाने, चकर्ड प्लेटें बिछाने, पेयजल लाइनें बिछाने और बिजली पहुंचाने के लिए खंभे लगाए जाने का काम तेजी से किया जा रहा है।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने अब साधु संतों और संस्थाओं को जमीन आवंटित करने की तिथि भी घोषित कर दी है। अपर मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद के मुताबिक, 2 दिसंबर से माघ मेले में भूमि आवंटन का कार्य शुरू होगा। 2 दिसंबर को ही प्रयागराज मेला प्राधिकरण का संगम नोज पर गंगा पूजन का भी कार्यक्रम है, इसलिए गंगा पूजन के साथ ही संगम की रेती पर तंबुओं का शहर आबाद करने के लिए जमीन आवंटन का कार्य शुरू हो जाएगा।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण सबसे पहले दंडी बाड़ा, आचार्य बाड़ा और खाक चौक के साधु संतों व संस्थाओं को जमीन आवंटित करेगा। जमीन आवंटन का काम शुरूपरंपरा के मुताबिक सबसे पहले दंडी स्वामी नगर, दंडी बाड़ा को जमीन आवंटित की जाती है। अपर मेला अधिकारी की ओर से जारी किए गए जमीन आबंटन के शेड्यूल के मुताबिक 02, 03 और 04 दिसंबर को दंडी स्वामी नगर दंडी बाड़ा को जमीन का आवंटन होगा। जबकि आचार्य स्वामी नगर, आचार्य बाड़ा को 5 और 6 दिसंबर को जमीन आवंटित की जाएगी। वहीं खाक चौक के साधु संतों को 07, 08 और 09 दिसंबर को जमीन का आवंटन होगा।
इसके अलावा, माघ और कुंभ मेले की रीढ़ कहे जाने वाले प्रयागराज के तीर्थ पुरोहितों प्रयागवाल को भूमि और सुविधाएं आवंटन की तिथियां बाद में घोषित की जाएंगी। अपर मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद के मुताबिक, सुविधा पर्ची के लिए फोटो युक्त पहचान पत्र और आधार कार्ड प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने कहा है कि विशेष परिस्थितियों में जमीन आवंटन की तिथियां में परिवर्तन भी हो सकता है।
जिन संस्थाओं द्वारा बीते वर्ष कुंभ, महाकुंभ, माघ मेला या अन्य किसी वर्षों में टिन, टेंटेज और फर्नीचर की सुविधा प्राप्त कर वापस नहीं की गई हैं, उन संस्थाओं को इस वर्ष किसी प्रकार की भूमि और सुविधा नहीं दी जाएगी। प्रत्येक आबंटी को मेले की संपूर्ण अवधि माघी पूर्णिमा तक शिविर बनाए रखना अनिवार्य होगा। सुविधा पर्ची भूमि आवंटन के दो दिन के बाद जारी की जाएगी।
माघ मेला 3 जनवरी 2026 पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व से लेकर 15 फरवरी महाशिवरात्रि के स्नान पर्व तक चलेगा। 44 दिनों तक चलने वाले माघ मेले में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। सीएम योगी के निर्देश पर महाकुंभ के बाद आयोजित हो रहे माघ मेले को मिनी कुंभ की तर्ज पर पेश किया जाएगा। मेले का दायरा बढ़ाकर 800 हेक्टेयर कर दिया गया है। इस बार मिला 7 सेक्टरों में बसेगा। मेले में छह के बजाय 7 पांटून ब्रिज बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, सुरक्षा के भी मेले में पुख्ता इंतजाम रहेंगे। मेले में 17 थाने, 17 फायर स्टेशन, 42 पुलिस चौकियां बनाई जाएंगी।
सुरक्षा के लिए लगभग 5000 पुलिसकर्मी भी तैनात होंगे। मेले में यूपी एटीएस, एसटीएफ, एलआईयू और दूसरी खुफिया एजेंसियों की नजर रहेगी। इसके साथ ही पूरे मेले की निगरानी एआई युक्त सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी। क्राउड मैनेजमेंट के लिए एआई युक्त सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की मदद ली जाएगी। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों की पार्किंग के भी समुचित इंतजाम किए जा रहे हैं। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो इसके लिए शटल बसें भी चलाई जाएंगी।

