संभल के हसनपुर मुंजब्ता गांव में नब्बे बीघा सरकारी जमीन पर बने अवैध मकानों पर प्रशासन ने लाल निशान लगाए हैं। पैमाइश में 12 से 20 तक निर्माण सरकारी भूमि पर पाए गए हैं। अगले एक-दो दिनों में शेष चिन्हांकन के बाद अवैध निर्माणों पर बुलडोजर कार्रवाई की संभावना है।
संभल तहसील क्षेत्र के गांव हसनपुर मुंजब्ता में नब्बे बीघा सरकारी जमीन पर कब्जे का मामला तेज़ी से तूल पकड़ता जा रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में उठाया गया, जिसके बाद शासन स्तर से तत्काल कार्रवाई के निर्देश जारी हुए। अब प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह सक्रिय हो गई है और अवैध कब्जों को हटाने की दिशा में बड़े कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं।
शिकायत की जांच के लिए राजस्व विभाग और तहसील प्रशासन की संयुक्त टीम गांव पहुंची, जहां पैमाइश के बाद सरकारी जमीन पर बने कई अवैध मकानों की पहचान की गई। कार्रवाई के तहत टीम ने इन मकानों पर लाल निशान लगा दिए हैं, जिन्हें बुलडोजर कार्रवाई की शुरुआत माना जा रहा है।
नायब तहसीलदार ने बताया कि फिलहाल अनुमानित 12 मकान सरकारी जमीन की सीमा में पाए गए हैं। अधिकारियों ने यह भी खुलासा किया कि कुछ जगहों पर एक ही बड़े मकान के अंदर कई छोटे-छोटे निर्माण भी किए गए हैं, जिन्हें अब अवैध माना गया है। दूसरी ओर, स्थानीय सूत्रों के अनुसार गुरुवार को प्रशासनिक टीम को करीब 20 मकान सरकारी भूमि पर बने हुए मिले। इससे स्पष्ट है कि अवैध कब्जों का दायरा अनुमान से कहीं अधिक बड़ा है।
प्रशासन अभी भी पैमाइश का काम जारी रखे हुए है और अगले एक-दो दिनों में बाकी बचे हिस्सों को चिन्हित कर लाल निशान लगाए जाने की संभावना है। स्थानीय स्तर पर चर्चा है कि यह लाल निशान आगे होने वाली बुलडोजर कार्रवाई की शुरुआती तैयारी मानी जा रही है।
ग्रामीणों में इस कार्रवाई को लेकर हलचल तेज है। जिन मकानों पर निशान लगे हैं, उनके मालिकों में डर का माहौल है, जबकि कई लोग शासन की कार्रवाई का समर्थन भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा रोकने के लिए कठोर कदम जरूरी हैं।
अधिकारियों ने साफ संकेत दिए हैं कि पैमाइश पूरी होते ही अगला चरण शुरू होगा, जिसके बाद कभी भी अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चल सकता है। प्रशासन का दावा है कि सरकारी जमीन को कब्जामुक्त कराने में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

