उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में पूर्वांचल का पहला पीपीपी मॉडल सैनिक स्कूल खुलेगा. सैनिक स्कूल सोसाइटी से इसकी मंजूरी मिल गई है. यह सैनिक स्कूल ऐक्सेस इंटरनेशनल स्कूल संचालित करेगा. संगम नगरी प्रयागराज को अब पूर्वांचल का पहला सैनिक स्कूल मिलने जा रहा है. गंगा पार इलाके के नवाबगंज में स्थित ऐक्सेस इंटरनेशनल स्कूल को सैनिक स्कूल संचालित करने की मंजूरी मिल गई है. सैनिक स्कूल सोसाइटी, रक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली ने स्वीकृति दे दी है. यह यूपी का चौथा और पूर्वांचल का पहला पीपीपी (Public Private Partnership) मॉडल में खुलने वाला सैनिक स्कूल होगा. सैनिक स्कूल की मान्यता मिलने के बाद जनवरी 2026 से कक्षा 6 और कक्षा 9 में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
प्रयागराज में संयुक्त शिक्षा निदेशक आर.एन. विश्वकर्मा के मुताबिक, जनवरी 2026 से कक्षा 6 और 9 में 80-80 सीटों पर प्रवेश लिया जाएगा. इनमें 60 फीसदी सीटें सैनिक स्कूल समिति द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के माध्यम से भरी जाएंगी और 40 फीसदी मैनेजमेंट कोटे से भरी जाएंगी. बालक और बालिकाएं दोनों करेंगे पढ़ाई. जिला विद्यालय निरीक्षक पी.एन. सिंह ने बताया कि सैनिक स्कूल बच्चों के लिए एक विशेष अवसर है. यहां उन्हें अनुशासित शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण, संस्कार, देशभक्ति और सेना के प्रति सम्मान की भावना विकसित करने पर जोर दिया जाएगा. पीपीपी मोड में संचालित होने वाले सैनिक स्कूलों में सभी नियम सैनिक स्कूल समिति, मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के निर्देशों के अनुसार लागू होंगे. साथ ही शिक्षा CBSE पाठ्यक्रम पर आधारित होगी. खास बात यह है कि नवाबगंज का यह सैनिक स्कूल को-एजुकेशन मोड में संचालित होगा, यानी बालक और बालिकाएं दोनों पढ़ाई कर सकेंगे.
10 एकड़ का है कैंपस विद्यालय के संस्थापक योगेंद्र वैश्य के मुताबिक, 2021 में खोला गया ऐक्सेस इंटरनेशनल स्कूल अब सैनिक स्कूल का अप्रूवल मिलने के बाद उनके लिए सपने के पूरा होने जैसा है. उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूल की मानकों को पूरा करने के लिए उन्होंने विशेष प्रयास किए, जिसके बाद समिति ने अनुमति दी. स्कूल का कैंपस 10 एकड़ में फैला हुआ है और बच्चों के लिए आधुनिक शिक्षा के साथ स्पोर्ट्स, इंडोर और आउटडोर गेम्स, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, डिजिटल लाइब्रेरी और रीडिंग रूम जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं. नवाबगंज का यह स्कूल कम समय में सैनिक स्कूल की मान्यता प्राप्त करने में सफल रहा. अब यह स्कूल सैनिक स्कूल समिति की गाइडलाइन के तहत संचालित होगा. यहां शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, नौसेना अकादमी और भारतीय सेना में शामिल होकर देश की सेवा के लिए तैयार होंगे.