उम्र का असर दिमाग पर भी नजर आता है. जिसके कारण व्यक्ति चीजों को भूलने लगता है, ज्यादा इंफोर्मेशन को प्रोसेस करने में दिक्कतों का सामना करता है. लेकिन दिमाग को जवां रखना शरीर को जवां रखने से ज्यादा आसान है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल और बेथ इसराइल डिकॉनेस मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है कि एडवांस मेडिटेशन ब्रेन के बायोलॉजिकल एज को कम कर सकता है. इस रिसर्च के अनुसार, नियमित और डीप मेडिटेशन करने वाले लोगों का दिमाग औसतन 5.9 साल तक जवां पाया गया.
यह शोध संयम साधना नामक मेडिटेशन रिट्रीट में भाग लेने वाले ध्यानकर्ताओं पर आधारित है. इस शोध को डॉ. बाला सुब्रमण्यम ने लीड किया, जो हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में सद्गुरु सेंटर फॉर अ कॉन्शस प्लैनेट के निदेशक हैं. उन्होंने कहा कि यह अध्ययन दर्शाता है कि ध्यान केवल मानसिक शांति नहीं देता, बल्कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को भी धीमा कर सकता है.
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मॉडर्न साइंस मान रहा मेडिटेशन के फायदे
ध्यान के इस प्रभाव पर सद्गुरु ने कहा कि यह देखकर अच्छा लगता है कि आधुनिक विज्ञान अब मानसिक और आध्यात्मिक विधियों के प्रभाव को मापने में सक्षम हो रहा है. हर इंसान को अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में निवेश करना चाहिए.
शोध में क्या पाया गया
शोध के अनुसार, ध्यान करने वालों की नींद के दौरान मस्तिष्क की गतिविधियों की जांच इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राफी से की गई. इसमें पाया गया कि ध्यान करने वालों का मस्तिष्क उम्र के मुकाबले अधिक युवा दिखा. कुछ मामलों में तो यह अंतर 10 साल तक का भी था.
क्या है संयम साधना
संयम साधना का उद्देश्य व्यक्तियों को उनके संयम अभ्यासों को स्थापित करने और उन्हें गहरा करने में मदद करना है. इसमें मौन में लंबे समय तक ध्यान करना शामिल है और प्रतिभागियों को पहले से ही विशिष्ट आहार और निर्धारित जीवनशैली के साथ खुद को तैयार करने की आवश्यकता होती है. यह 4 दिन का प्रोग्राम ईशा फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.