sachin tendulkar make first call to pataudi family after india england test series trophy renamed | ‘मेरा पहला कॉल…’, पटौदी ट्रॉफी का बदला नाम तो सचिन तेंदुलकर ने सबसे पहले किसे किया फोन? खुद किया खुलासा

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sachin tendulkar make first call to pataudi family after india england test series trophy renamed | 'मेरा पहला कॉल...', पटौदी ट्रॉफी का बदला नाम तो सचिन तेंदुलकर ने सबसे पहले किसे किया फोन? खुद किया खुलासा



Anderson-Tendulkar Trophy: भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज जीतने वाली टीम को मिलने वाली पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलकर अब एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी कर दिया गया है. यानी आगामी 20 जून से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज में दोनों टीमें एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी जीतने के लिए एक-दूसरे से भिड़ेंगी. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इस ट्रॉफी के उद्घाटन की एक फोटो शेयर की है, जिसमें एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के साथ खड़े हैं. सचिन तेंदुलकर ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि जब पटौदी ट्रॉफी का नाम बदला गया तो उन्होंने सबसे पहले किसे कॉल किया था.
बदल गया पटौदी ट्रॉफी का नाम लेकिन…
इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के बीच एक संयुक्त पहल एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी अब इंग्लैंड और भारत के बीच सभी भविष्य की टेस्ट सीरीज का प्रतिनिधित्व करेगी. इससे पहले, इंग्लैंड में सीरीज पटौदी ट्रॉफी के लिए और भारत में एंथनी डी मेलो ट्रॉफी के लिए खेली जाती थी. हालांकि, पटौदी परिवार को सम्मानित किया जाता रहेगा और इंग्लैंड-भारत टेस्ट सीरीज के प्रत्येक विजेता कप्तान को एक नया पटौदी मेडल दिया जाएगा. ट्रॉफी में एंडरसन और तेंदुलकर की एक्शन में छवि है. साथ ही उनके ऑटोग्राफ भी हैं.
— BCCI (@BCCI) June 19, 2025
तेंदुलकर ने किया खुलासा
बता दें कि हाल ही में बीसीसीआई और ईसीबी ने सीरीज का नाम बदलने का फैसला किया है. इस सीरीज का नाम ‘पटौदी ट्रॉफी’ से अलग रखा गया. यह नाम पूर्व भारतीय कप्तान मंसूर अली खान ‘टाइगर’ पटौदी के सम्मान में रखा गया था. पटौदी नाम हटाने के फैसले पर क्रिकेट एक्सपर्ट्स और फैंस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. इसके बाद सचिन तेंदुलकर ने दोनों बोर्ड से बात करके पटौदी की विरासत को जारी रखने की अपील की.
अब तेंदुलकर ने खुलासा किया है जब उन्हें पटौदी ट्रॉफी का बदलने के बारे में पता चला तो उन्होंने सबसे पहले पटौदी परिवार में फोन किया. इसके बाद उन्होंने पटौदी की विरासत को बरकरार रखने के लिए ICC के अध्यक्ष और पूर्व BCCI सचिव जय शाह को फोन किया था. तेंदुलकर ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘जब मुझे पता चला, तो मैंने (पटौदी) परिवार को फोन किया और बातचीत की. इसके बाद, मैंने जय शाह, BCCI और ECB से बात की और उनसे कहा कि विरासत को बरकरार रखने के लिए कुछ किया जाना चाहिए.’
‘विरासत बरकरार रहनी चाहिए’
तेंदुलकर ने कहा कि पटौदी की विरासत बरकरार रहनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘सबसे पहली बात, ट्रॉफी को रिटायर करने का निर्णय बीसीसीआई और ईसीबी का था. निर्णय लेने के बाद ही उन्होंने मुझे इस बारे में बताया. जहाँ तक पटौदी परिवार का सवाल है, मैं भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान से अवगत हूं. पटौदी सीनियर ने इंग्लैंड और भारत के लिए खेला, जबकि टाइगर पटौदी ने भारत की कप्तानी शानदार तरीके से की. मैंने उन्हें खेलते हुए नहीं देखा, क्योंकि मैं पैदा नहीं हुआ था, लेकिन मैंने कहानियां सुनी हैं और वे कहानियां हम सभी को प्रेरित करती हैं. इसलिए मैंने यह सुनिश्चित करने का दृढ़ निश्चय किया कि विरासत को बरकरार रखा जाए.’
टेस्ट के दो महान क्रिकेटर एंडरसन-तेंदुलकर
एंडरसन और तेंदुलकर दोनों को सर्वकालिक महान माना जाता है. वे टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे अधिक मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं. तेंदुलकर ने 200 मैच खेले, जबकि एंडरसन ने 188 मैच खेले. एंडरसन ने 704 टेस्ट विकेट लिए, जो इस फॉर्मेट में किसी तेज गेंदबाज द्वारा सबसे अधिक है. वह सर्वकालिक लिस्ट में तीसरे स्थान पर हैं, उनसे आगे केवल स्पिनर मुथैया मुरलीधरन और शेन वार्न हैं. दूसरी ओर सचिन तेंदुलकर 15921 रन के साथ टेस्ट इतिहास में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बने हुए हैं. उन्होंने 16 साल की उम्र में डेब्यू किया और 24 साल के शानदार इंटरनेशनल करियर का आनंद लिया. इस दौरान उन्होंने हर दूसरे टेस्ट खेलने वाले देश के खिलाफ भारत की सफलता में अहम भूमिका निभाई.
क्या बोले तेंदुलकर-एंडरसन?
जेम्स एंडरसन ने ट्रॉफी उद्घाटन के मौके पर कहा, ‘सचिन और मेरे नाम पर इस प्रतिष्ठित सीरीज का नाम रखना मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व की बात है. हमारे दो देशों के बीच प्रतिद्वंद्विता हमेशा से कुछ खास रही है, जो इतिहास, तीव्रता और अविस्मरणीय क्षणों से भरी हुई है. इस तरह से पहचाना जाना वास्तव में सम्मान की बात है. मैं इस गर्मी में इंग्लैंड में अगला अध्याय देखने के लिए उत्सुक हूं. यह आकर्षक, प्रतिस्पर्धी क्रिकेट होने का वादा करता है. बिल्कुल वैसा ही जैसा आप दो महान टीमों से उम्मीद करते हैं.’
सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘मेरे लिए, टेस्ट क्रिकेट जीवन का प्रतीक है. आप अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं और अगर चीजें गलत हो जाती हैं, तो यह आपको फिर से संगठित होने, सोचने, भूलने और वापस उछालने के लिए एक और दिन देता है. यह खेल का सर्वोच्च रूप है जो आपको सभी बाधाओं के बावजूद धीरज, अनुशासन और अनुकूलनशीलता सिखाता है. मैं अपनी नींव का श्रेय टेस्ट क्रिकेट को देता हूं, क्योंकि इसने मुझे निराशा से जीत की ओर आकांक्षाओं से पूर्णता की ओर बढ़ते देखा है.’



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