भारत के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इन समारोहों में भारत की नौसेना के लिए मुक्त, खुले, और समावेशी समुद्रों की प्रतिबद्धता को दर्शाया जाएगा, जो महासागर, एक्ट ईस्ट पॉलिसी, आईओएनएस, और इंडो-पैसिफिक ओशन्स इंटिएविटिव जैसी पहलों से निर्देशित होगी।
भारतीय नौसेना के इन्दिरिय रूप से बनाए गए प्लेटफार्म्स को भी प्रदर्शित किया जाएगा, जिनमें आईएनएस विक्रांत, विशाखापत्तनम क्लास डिस्ट्रॉयर्स, नीलगिरि क्लास फ्रिगेट्स, और अर्नाला क्लास कोर्वेट्स शामिल हैं।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 2026 की संवाद के दौरान, नौसैनिक परंपरा को रणनीतिक सहयोग में बदल दिया जाएगा और भारत के रूप में एक जिम्मेदार समुद्री शक्ति के रूप में भारत की भूमिका को दर्शाया जाएगा।

