लखनऊ. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय बैंक ने 2,000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा कर दी है. हजार रुपए के नोट बंद होने से हमारी अर्थव्यवस्था और आम जनता को क्या फायदे क्या नुकसान होंगे इस पर लखनऊ के जाने माने राजनीतिक विश्लेषक और कॉर्पोरेट वकील दिलीप यशवर्धन ने कहा कि 2000 रुपये के नोट अगर किसी आम जनता के पास है तो उन्हें परेशान होने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है. 30 सितंबर तक वे किसी भी बैंक में जाकर इसे बदलवा सकते हैं.दिलीप ने बताया कि इसका असर हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर भी नहीं पड़ेगा, क्योंकि 2000 रुपए के नोट वर्ष 2018 और 19 में ही छपने बंद हो गए थे. जो नोट थे मार्केट में थे वो एकदम से गायब हो गए. इसकी वजह यह है कि जो भ्रष्टाचारी हैं या फिर जो माफिया वर्ग है उन्होंने 2000 रुपये के नोट अपने पास जमा करके रख लिए थे. उन्हें नुकसान होगा. लेकिन आम जनता को इसका ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि आम जनता के पास आज भी 2000 का नोट बेहद कम देखने के लिए मिलता है, क्योंकि मार्केट से गायब होने के बाद आम जनता के पास यह नोट नहीं.लोकसभा चुनाव से पहले का दांवदिलीप यशवर्धन ने कहा कि 2024 में लोकसभा चुनाव हैं. आने वाले वक्त में कुछ राज्यों में भी चुनाव हैं. इसका असर उन बड़े बिजनेसमैन और नेताओं पर भी पड़ेगा जो चुनाव में जमकर पैसा बहाते हैं और पार्टी को सहयोग करते हैं. जिन लोगों ने 2000 रुपये के नोट अपने पास इकट्ठा करके रखे होंगे चुनावी प्रचार के लिए उनको दिक्कत होगी.बड़े नोटों से होता है भ्रष्टाचार आसानकॉर्पोरेट वकील दिलीप यशवर्धन ने यह भी कहा कि जब किसी देश की अर्थव्यवस्था में बड़े नोटों का चलन होता है तो उससे रिश्वत और भ्रष्टाचारियों को फायदा होता है, क्योंकि कम नोटों में भी ज्यादा ज्यादा पैसा इकट्ठा कर लेते हैं. इसलिए किसी भी देश को बड़े नोट अपने यहां चलन में लाने से बचना चाहिए..FIRST PUBLISHED : May 20, 2023, 14:04 IST
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