Uttar Pradesh

रोहिंग्या-बांग्लादेशियों को भारत में बसाने के लिए कर रहे थे ये काम, यूपी ATS की आजमगढ़ से गाजियाबाद तक छापेमारी, 8 गिरफ्तार

Last Updated:August 22, 2025, 06:39 ISTUP News: यूपी एटीएस ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में छापेमारी कर रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का फर्जी आधार कार्ड व अन्य पाचन पत्र बनाने वाले 8 लोगों को गिरफतार किया है. ये लोग एक संगठित गिरोह के तौर पर काम कर रहे…और पढ़ेंLucknow News: यूपी ATS ने रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का फर्जी आधार बनाने वाले आठ आरोपियों किया अरेस्ट

लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो अवैध रूप से रोहिंग्या, बांग्लादेशी, नेपाली और अन्य विदेशी नागरिकों के लिए फर्जी आधार कार्ड और भारतीय पहचान पत्र बना रहा था. इस कार्रवाई में एटीएस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से फर्जी दस्तावेज बनाने में इस्तेमाल होने वाले उच्च तकनीकी उपकरण, फिंगरप्रिंट स्कैनर, लैपटॉप, मोबाइल फोन और भारी मात्रा में जाली आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र और अन्य भारतीय दस्तावेज बरामद किए हैं.

एटीएस ने इस मामले में आजमगढ़ से मोहम्मद नसीम, मोहम्मद शाकिब और विशाल कुमार, मऊ से हिमांशु राय और मृत्युंजय गुप्ता, गाजियाबाद से सलमान अंसारी, औरैया से गौरव कुमार गौतम और गोरखपुर से राजीव तिवारी को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों (आजमगढ़, गोरखपुर, सहारनपुर, मऊ, औरैया), पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और कोलकाता, बिहार के लखीसराय और कटिहार, साथ ही दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में सक्रिय था.

गिरोह का कार्यप्रणाली

एटीएस के अनुसार, यह गिरोह आधार कार्ड बनाने के लिए रजिस्टर्ड जन सेवा केंद्रों का दुरुपयोग कर रहा था. ये केंद्र अवैध रूप से बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अन्य अपात्र व्यक्तियों के लिए आधार कार्ड तैयार कर रहे थे. गिरोह वीपीएन नेटवर्क और रिमोट एक्सेस सिस्टम का उपयोग कर आधार डेटा में हेरफेर करता था, जिससे सुरक्षा जांच को आसानी से बायपास कर लिया जाता था. इसके अलावा, जाली आधार कार्डों के आधार पर पासपोर्ट, आवासीय प्रमाण और अन्य फर्जी भारतीय दस्तावेज बनाए जा रहे थे.

सरकारी योजनाओं का ले रहे थे लाभ

जांच में यह भी सामने आया कि कई अवैध विदेशी नागरिक इन फर्जी आधार कार्डों का उपयोग कर सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे थे. गिरोह इन सेवाओं के लिए मोटी रकम वसूलता था, जिसमें दलालों की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी. ये दलाल अवैध विदेशी नागरिकों को जन सेवा केंद्र संचालकों से जोड़ने का काम करते थे.

बरामद सामग्री और आगे की जांच

एटीएस ने छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में जाली आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, और अन्य दस्तावेज बरामद किए. साथ ही, दस्तावेज बनाने में इस्तेमाल होने वाले हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, फिंगरप्रिंट स्कैनर, लैपटॉप और कई मोबाइल फोन भी जब्त किए गए. एटीएस ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है ताकि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों का पता लगाया जा सके.

एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह गिरोह संगठित तरीके से अवैध विदेशी नागरिकों को भारतीय पहचान प्रदान कर रहा था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है. हम इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनके सहयोगियों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रहे हैं.”

राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव

यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में सामने आया है. फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों का उपयोग कर अवैध विदेशी नागरिक न केवल भारत में रह रहे थे, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर और पासपोर्ट बनवाकर देश की सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर कर रहे थे. एटीएस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है और अन्य संदिग्ध जन सेवा केंद्रों की भी जांच की जा रही है.Amit Tiwariवरिष्ठ संवाददाताPrincipal Correspondent, LucknowPrincipal Correspondent, Lucknow न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Lucknow,Uttar PradeshFirst Published :August 22, 2025, 06:39 ISThomeuttar-pradeshUP ATS की बड़ी कार्रवाई रोहिंग्या-बांग्लादेशियों के लिए बनाते थे आधार, 8 अरेस्ट

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