बंगाल में मतदाताओं और बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) की मौतों की शिकायतें लगातार आ रही हैं। यह दावा किया जा रहा है कि इन मौतों के पीछे आत्महत्या या गंभीर कार्डियक अटैक और सेरेब्रल अटैक के कारण हो रहे हैं। बंगाल में सीआरएफ के अभियान की घोषणा के बाद से यह घटनाएं सामने आ रही हैं।
जलपाईगुड़ी जिले में एक महिला बीएलओ ने जो आंगनबाड़ी थी, उसने जलपाईगुड़ी जिले में आत्महत्या कर ली। इसके पीछे का कारण बताया जा रहा है कि सीआरएफ के कारण उसके पास काम का दबाव बहुत बढ़ गया था। यह घटना हाल ही में हुई है, जिसमें 9 नवंबर को पूर्व बर्धवान में एक बीएलओ की मौत हो गई थी। उसे बताया जा रहा था कि उसकी मौत कार्डियक अटैक से हुई है, जिसके पीछे का कारण सीआरएफ के कारण उसके पास काम का दबाव होना बताया जा रहा था।
इन आत्महत्या और मौत की खबरों के बाद से दोनों राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर हमला करना शुरू कर दिया है। बीएलओ की मौत के बाद ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग के खिलाफ हमला बोला, जिसमें उन्होंने कहा कि सीआरएफ के कारण लोगों की जान जा रही है। उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि वे इस अनियोजित अभियान को तुरंत रोक दें जिससे और जान जाने से बच सके।
भाजपा ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस ने आम लोगों में सीआरएफ के प्रति भय का माहौल बनाने के लिए नेगेटिव कैंपेन चलाया है।

