RGUHS Anti Suicide Fan Devices: बेंगलुरु के राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RGUHS) ने कॉलेजों में बढ़ती आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए एक अहम कदम उठाया है. यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज के हॉस्टलों में सीलिंग फैंस पर एंटी-सुसाइड डिवाइस लगाने का फैसला किया है. यह फैसला मंड्या इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (MIMS) दो स्टूडेंट्स की आत्महत्या के बाद लिया गया है, जिन्होंने दो हफ्ते के अंदर हॉस्टल के कमरे में अपनी जान दे दी. इस घटना को देखते हुए करिकुलम डेवलपमेंट सेल के हेड डॉ. संजीव ने कॉलेज प्रशासन के साथ मिलकर ये फैसला लिया है.
कैसे काम करता है डिवाइस?आत्महत्या के मामलों पर रोक लगाने के लिए RGUHS के मेडिकल हॉस्टलों में एंटी-सुसाइड डिवाइस लगाने का फैसला लिया गया है. आपको बता दें, ये खास डिवाइस पंखे में एक सेफ्टी डिवाइस की तरह लगाया जाएगा. यह डिवाइस तब एक्टिवेट होगा, जब पंखे पर किसी व्यक्ति का वजन तय लिमिट से ज्यादा होगा. ऐसी स्थिति में ये डिवाइस तुरंत पंखे को उसके हुक से अलग कर देगा, जिससे पंखा नीचे गिर जाएगा और आत्महत्या की कोशिश कर रहे स्टूडेंट की जान बच जाएगी. इसके साथ-साथ पंखे के गिरते ही डिवाइस से तेज सायरन की आवाज बजने लगेगी. इससे हॉस्टल वार्डन, दूसरे स्टूडेंट्स या स्टाफ को इसकी तुरंत जानकारी मिलेगी. MIMS में इस डिवाइस की पायलट टेस्टिंग हो चुकी है, अब इसे सारे मेडिकल कॉलेजों के हॉस्टल में इंस्टॉल किया जाएगा.
स्टूडेंट्स ने की आत्महत्याRGUHS के मेडिकल हॉस्टलों में एंटी-सुसाइड डिवाइस लगाने का फैसला मंड्या इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (MIMS) के दो स्टूडेंट्स की आत्महत्या के बाद लिया गया है. 30 जुलाई को कोप्पल जिले के भरत नाम के एक मेडिकल छात्र ने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली. वहीं इसके कुछ ही दिन बार 2 अगस्त को नर्सिंग की लास्ट ईयर की स्टूडेंट निश्कला ने भी पंखे से लटकर अपनी जान दे दी.
मेंटल हेल्थ पर ध्यान देने की जरूरतकॉलेजों में बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों को देखते हुए, मेंटल हेल्थ पर खास ध्यान देने की जरूरत है. पंखों पर एंटी-सुसाइड डिवाइस लगाना एक अहम कदम है. लेकिन इन मामलों को रोकने के लिए ये काफी नहीं है. कॉलेज में स्टूडेंट्स को मेंटली हेल्दी रखने के लिए काउंसलिंग और रेगुलर मेंटल हेल्थ चेकअप की जरूरी है.