जोधपुर जिला और सेशन (संशोधन) कोर्ट ने गुरुवार को जोधपुर के ACJM (CBI केस) कोर्ट के आदेश को पलट दिया, जिसमें अनंदपाल सिंह के मुठभेड़ मामले में सात पुलिस अधिकारियों, जिसमें चूरू एसपी राहुल बरहत भी शामिल हैं, के खिलाफ हत्या के आरोप लगाए गए थे। कोर्ट ने यह नोट किया कि अधिकारी अपनी ड्यूटी कर रहे थे और मुठभेड़ आत्मरक्षा में हुई थी। इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी नोट किया कि मृतक गैंगस्टर अनंदपाल सिंह ने पहले तो एक ऑटोमैटिक हथियार से फायर किया था, जिससे पुलिस टीम के एक सदस्य को गंभीर चोट लग गई थी।
कोर्ट ने अपने आदेश में सीबीआई के वैज्ञानिक औरForensic जांच के निष्कर्षों पर भरोसा किया, जिसमें यह पुष्टि हुई थी कि अनंदपाल ने खुद फायर किया था और कमांडो सोहन सिंह को उनकी गोली ने घायल किया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि मैजिस्ट्रेट ने हत्या के आरोपों को स्वीकार करने से पहले यह महत्वपूर्ण तथ्य नजरअंदाज कर दिया था।
पुलिस की ओर से वरिष्ठ वकील विनीत जैन, राहुल चौधरी और उमेशकांत व्यास ने समीक्षा याचिका में पुलिस अधिकारियों का बचाव किया, जिसमें उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी ड्यूटी के अनुसार कार्य कर रहे थे। कोर्ट ने सहमति जताई, जिसमें उन्होंने यह भी कहा कि अनंदपाल के परिवार द्वारा कई सालों बाद लगाए गए आरोपों में से कोई भी साक्ष्य नहीं था और सीबीआई की रिपोर्ट से विपरीत थे।
यह घटना 24 जून 2017 को हुई थी, जब पुलिस ने चूरू जिले के मलसर गांव में एक फार्महाउस में अनंदपाल सिंह को घेर लिया था। उस समय अनंदपाल राजस्थान का सबसे बड़ा अपराधी था, जिसके खिलाफ कई हत्या, लूट और वसूली के मामले दर्ज थे। एसओजी और आरएसी टीमों ने उसके गिरफ्तार भाई रुपिंदर पाल सिंह और साथी देवेंद्र सिंह के साथ मिलकर उसे फार्महाउस तक पहुंचाया था।

