Last Updated:July 03, 2025, 15:48 ISTKaronda Farming Benefits: कम पानी में तैयार होने वाला करौंदा अब किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. कंटीला पौधा होने के कारण यह फेंसिंग का काम भी करता है और 2 से 3 साल में अच्छी उपज भी देता है. जानिए करौंद…और पढ़ेंहाइलाइट्सकिसानों के लिए करौंदा की खेती फायदे का सौदा बन रही है.यह कंटीला पौधा होने के कारण यह फेंसिंग का काम भी करता है.करौंदा से 2-3 साल में अच्छी आमदनी भी होती है.Karonda Ki Kheti: अगर आपकी फसल को आवारा या निराश्रित पशु बार-बार नुकसान पहुंचा रहे हैं और आप इससे परेशान हैं, तो अब घबराने की जरूरत नहीं. खेती के किनारे आप करौंदा (Karonda) का बाग लगाकर इन पशुओं से अपनी फसल बचा सकते हैं. करौंदा के पौधे कंटीले होते हैं, जिससे पशु इससे दूर रहते हैं. यही नहीं, खेत की मेढ़ या किनारों पर फेंसिंग के तौर पर करौंदा लगाने से खेत सुरक्षित रहता है और साथ में फल की अच्छी आमदनी भी होती है.
कम पानी वाले इलाकों में भी फायदेमंदशाहजहांपुर के जिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक बताते हैं कि करौंदा का पौधा उन इलाकों में भी आसानी से लगाया जा सकता है जहां सिंचाई के पर्याप्त साधन नहीं हैं. यह पौधा कम पानी में भी बढ़िया ग्रोथ करता है. खास बात यह है कि रोपाई के लगभग 2 साल के भीतर करौंदा का पौधा फल देना शुरू कर देता है, जिससे किसान को अतिरिक्त आमदनी होती है.
कैसे करें करौंदा की रोपाई? जानिए सही तरीका
अगर आप जुलाई महीने में करौंदा के पौधे लगाने की सोच रहे हैं, तो ध्यान रखें कि पौधे से पौधे की दूरी 2 मीटर रखें. वहीं, खेत के किनारे फेंसिंग के लिए इसे 1 से 1.5 मीटर की दूरी पर लगाना फायदेमंद रहता है. साथ ही, पौधा लगाने से पहले गड्ढे की मिट्टी का मृदा शोधन जरूर करें. इससे पौधों की ग्रोथ बेहतर होती है और भूमिगत कीट पौधे को नुकसान नहीं पहुंचा पाते.
बीज से या ग्राफ्टेड पौधे? कौन-सा बेहतर?डॉ. पाठक बताते हैं कि अगर किसान ग्राफ्टेड (कलम से तैयार) पौधे लगाते हैं तो यह पौधे 2 से 3 साल में उपज देना शुरू कर देते हैं, जबकि बीज से तैयार पौधों में उपज मिलने में ज्यादा समय लगता है और उत्पादन भी कम होता है. ग्राफ्टेड पौधों से एक पौधा 20 से 25 किलो तक उपज दे सकता है, जिससे अच्छी खासी आमदनी हो जाती है.
Location :Shahjahanpur,Uttar Pradeshhomeagricultureरेतीली जमीन से भी होगी मोटी कमाई… बस लगाइए ये कंटीला पौधा