रबी सीजन में गेहूं की बंपर पैदावार के लिए 5 जरूरी काम करें
रबी सीजन में अगर गेहूं की बंपर पैदावार चाहते हैं, तो अभी ये 5 जरूरी काम करें. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन उपायों को अपनाकर किसान अपनी फसल को ‘गेहूं के मामा’ यानी मंडूसी खरपतवार से पूरी तरह बचा सकते हैं. सही तैयारी से न सिर्फ फसल स्वस्थ रहेगी बल्कि उत्पादन भी 2 गुना बढ़ेगा।
गेहूं की खेती में खरपतवार एक गंभीर समस्या है, जो फसल की पैदावार को 25 से 40 प्रतिशत तक घटा देती है. खरपतवार फसल के साथ मिट्टी के पोषक तत्व, नमी, धूप और जगह के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, जिससे गेहूं की पौध कमजोर हो जाती है. अगर समय रहते इन पर नियंत्रण न किया जाए, तो उत्पादन पर सीधा असर पड़ता है. गेहूं के खेतों में प्रमुख खरपतवारों में बथुआ, हिरनखुरी, मोथा, गाजर घास, वनसीरी, और जंगली जई शामिल हैं. ये खरपतवार फसल के शुरुआती 40–45 दिनों में सबसे तेजी से फैलते हैं और जड़ से लेकर बालियों तक नुकसान पहुंचाते हैं।
खरीफ की फसलों की कटाई अब लगभग पूरी हो चुकी है और किसान रबी सीजन की तैयारी में जुट गए हैं. इस समय अधिकांश किसान गेहूं की बुवाई की योजना बना रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार बुवाई से पहले कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है. वजह है गेहूं की फसल के साथ पनपने वाला एक खतरनाक खरपतवार जिसे गेहूं का मामा’ (मंडूसी)कहते हैं. यह खरपतवार फसल की बढ़वार और उत्पादन दोनों पर गंभीर असर डालता है.
बीजोपचार से शुरुआत करें
कृषि विज्ञान केंद्र, सुलतानपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. ए.के. सिंह बताते हैं कि गेहूं की बुवाई से पहले बीजोपचार करना बेहद जरूरी है. इससे फसल को लूज स्मट और गेहूं के मामा जैसे खरपतवार से बचाया जा सकता है. किसानों को बुवाई से पहले कार्बेंडाजिम (Carbendazim) से बीजोपचार करना चाहिए. इसके लिए प्रति किलो बीज में 2 से 2.5 ग्राम दवा का उपयोग करें. यह सरल तरीका फसल को कई बीमारियों से सुरक्षित रखता है और अंकुरण दर भी बेहतर करता है।
‘गेहूं का मामा’ क्या है?
‘गेहूं का मामा’ दरअसल एक खरपतवार (Weed) है, जो गेहूं की फसल के साथ ही उगता है और उसे पोषक तत्वों, धूप और नमी से वंचित कर देता है. यह तेजी से फैलता है और फसल की पैदावार को 20–30% तक घटा सकता है. इसे नियंत्रण में रखना खेती के लिए बहुत जरूरी है.
खरपतवार का नियंत्रण कैसे करें?
बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करें ताकि पुराने खरपतवार और उनकी जड़ें खत्म हो सकें. खेत में बुवाई से पहले हल्का पानी लगाकर खरपतवार के बीज अंकुरित कर लें, फिर जुताई करके उन्हें नष्ट कर दें. बुवाई के 30–35 दिन बाद मेट सल्फोसल्फ्यूरॉन मिथाइल (Metsulfuron Methyl) या 2,4-D सोडियम सॉल्ट (2,4-D Sodium Salt) का छिड़काव करें. इससे मंडूसी जैसे चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों पर असरदार नियंत्रण मिलता है. शून्य जुताई (Zero Tillage) – इस तकनीक से मिट्टी की ऊपरी सतह में छेड़छाड़ कम होती है, जिससे मंडूसी के उगने की संभावना घट जाती है.


 
                 
                 
                