भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने वाले रोहित शर्मा को लेकर बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि अगर वह कोच की भूमिका में होते, तो रोहित को कभी भी आखिरी टेस्ट मैच नहीं खेलने देते. इसके अलावा उन्होंने सिडनी टेस्ट में रोहित शर्मा के बाहर बैठने को लेकर भी कहा कि दिग्गज बल्लेबाज को प्लेइंग-11 में होना चाहिए था. रवि शास्त्री ने कहा कि वह सुनिश्चित करते कि रोहित शर्मा इस साल की शुरुआत में सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट के लिए मैदान पर उतरें.
रोहित ने लिया टेस्ट से संन्यास
पिछले हफ्ते रोहित ने 67 मैचों में 40.57 की औसत से 4301 रन बनाकर अपना टेस्ट क्रिकेट समाप्त किया, जिसमें 12 शतक और 212 का करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर शामिल है. 2022 से भारत के टेस्ट कप्तान के रूप में रोहित ने 24 टेस्ट में टीम का नेतृत्व किया और 12 मौकों पर जीत हासिल की. इसमें 2023 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में उपविजेता बनना भी शामिल है. लेकिन पिछले साल सितंबर से खराब फॉर्म का मतलब था कि रोहित का टेस्ट करियर मुश्किल स्थिति में था. बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में रोहित केवल एक बार 50 रन का आंकड़ा पार कर पाए, जबकि उनका औसत केवल 10.93 रहा.
‘मैं कोच होता तो…’
अपने बेटे के जन्म के कारण पर्थ में पहला टेस्ट मिस करने के बाद रोहित अगले तीन टेस्ट में खेलने के लिए वापस आए, लेकिन केवल 31 रन बनाए. उस खराब फॉर्म के कारण 38 साल के रोहित जनवरी में एससीजी में अंतिम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट से बाहर हो गए. रवि शास्त्री ने कहा, ‘मैंने रोहित को टॉस के समय (आईपीएल मैच के दौरान) बहुत देखा. टॉस के समय, आपको बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है. हालांकि मैंने एक गेम में उनके कंधे पर अपना हाथ रखा था. मुझे लगता है कि यह मुंबई में था, और मैंने उनसे कहा, अगर मैं कोच होता, तो आप कभी भी आखिरी टेस्ट मैच नहीं खेलते.’
वह मैच जीतने वाला खिलाड़ी है – शास्त्री
शास्त्री ने आईसीसी रिव्यू शो में कहा, ‘आप आखिरी टेस्ट मैच खेलते, क्योंकि सीरीज खत्म नहीं हुई थी. मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं, जो 2-1 के स्कोर के साथ हार मान लेता. अगर आपकी मानसिकता यह है कि आपको लगता है कि आप… यह मंच नहीं है, तो आप एक टीम छोड़ देते हैं.’ उस समय सीरीज में ऑस्ट्रेलिया 2-1 से आगे था. शास्त्री ने आगे विस्तार से बताया कि रोहित को सिडनी में टेस्ट मैच क्यों खेलना चाहिए था. पूर्व कोच ने कहा, ‘वह 30-40 रन का खेल था. और यही मैंने उससे कहा था. सिडनी में पिच बहुत मसालेदार थी. वह जिस भी तरह के फॉर्म में हो, वह मैच जीतने वाला खिलाड़ी है.’
‘सीरीज बराबर पर होती’
उन्होंने आगे कहा, ‘अगर वह गया होता, स्थिति को भांपता, स्थिति को समझता और शीर्ष पर 35-40 रन बनाता, तो आप कभी नहीं जान सकते. वह सीरीज बराबरी पर होती. लेकिन यह हर किसी का अपना होता है. दूसरे लोगों की अलग-अलग शैली होती है. यह मेरी शैली होती और मैंने उसे यह बताया. यह लंबे समय से मेरे दिल में बैठा हुआ है. मुझे इसे बाहर निकालना था. और मैंने उसे यह बताया.’ रोहित और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का मतलब है कि भारत टेस्ट क्रिकेट के एक नए युग में प्रवेश करेगा, जब 20 जून को हेडिंग्ले में इंग्लैंड के खिलाफ उनका 5 मैचों का दौरा शुरू होगा. इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज भारत के लिए नए आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप चक्र की शुरुआत भी होगी.