भारत जहां शुभमन गिल के नेतृत्व में टेस्ट क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत करने की तैयारी कर रहा है, वहीं पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने युवा कप्तान के लिए कुछ विचारशील सलाह साझा की है. आईसीसी रिव्यू पर बोलते हुए शास्त्री ने गिल से धैर्य रखने और संयमित रहने का आग्रह किया, क्योंकि वह विश्व क्रिकेट में सबसे चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं में से एक में कदम रख रहे हैं, जो इंग्लैंड में 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत का नेतृत्व करना है.
‘यह आसान नहीं होने वाला…’
शास्त्री ने 25 साल के इस खिलाड़ी को अपना मार्गदर्शन देते हुए कहा, ‘मुझे लगता है, अपना समय लें.’ उन्होंने आगे कहा, ‘यह आसान नहीं होने वाला है. उन्हें एक कठिन काम करने के लिए कहा गया है – वह है इंग्लैंड दौरे पर भारत की कप्तानी करना.’ रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने हाल ही में लंबे प्रारूप से संन्यास की घोषणा की है. गिल को अपेक्षाकृत युवा भारतीय टीम का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
गिल पर जताया भरोसा
20 जून से हेडिंग्ले में शुरू होने वाली आगामी सीरीज 2025-27 आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) चक्र में भारत का पहला असाइनमेंट भी है. लाल गेंद वाले क्रिकेट में गिल के अपेक्षाकृत मामूली रिकॉर्ड (32 टेस्ट में 35.05 की औसत से 1893 रन) के बावजूद शास्त्री आशावादी बने हुए हैं. उनका मानना है कि यह दौरा गिल की नेतृत्व यात्रा में एक महत्वपूर्ण चरण के रूप में काम करेगा. शास्त्री ने आगे कहा, ‘यह कभी आसान नहीं होता, लेकिन मुझे लगता है कि वह इस अनुभव से सीखेंगे.’
आईपीएल कप्तानी की तारीफ की
शास्त्री ने आईपीएल 2025 में गिल के हालिया नेतृत्व कार्यकाल पर भी विचार किया, जहां इस युवा खिलाड़ी ने गुजरात टाइटन्स की कप्तानी की थी. हालांकि, टीम एलिमिनेटर में पिछड़ गई, लेकिन गिल का शांत और संयमित व्यवहार पूर्व भारतीय कोच को पसंद आया. पूर्व भारतीय कोच ने कहा, ‘मैंने गुजरात टाइटन्स के साथ आईपीएल में जो देखा, वह बहुत ही संयमित और शांत लग रहा था. उसका स्वभाव अच्छा है.’
17 साल का सूखा खत्म करने पर नजरें
गिल ने हाल ही में बेकेनहैम में भारत के इंट्रा-स्क्वाड मैच में अर्धशतक बनाया, जिससे पता चलता है कि वे आगे की चुनौती के लिए तैयार हैं. हालांकि, इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज एक अलग तरह की परीक्षा पेश करती है, जिसने ऐतिहासिक रूप से भारत के सबसे स्थापित खिलाड़ियों की तकनीक और स्वभाव का भी परीक्षण किया है. यह दौरा भारत के लिए इंग्लैंड में अपने 17 साल के टेस्ट सूखे को खत्म करने का भी मौका है, जिसमें आखिरी जीत 2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में मिली थी.