यहां ध्यान देने योग्य है कि एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान के दुर्घटना के कई संभावित कारणों में से एक इंजन या हाइड्रॉलिक/इलेक्ट्रिकल फेलियर या सॉफ्टवेयर मैलफंक्शन भी शामिल हो सकते हैं। इस साल जून में हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटना में 260 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 241 लोग विमान में सवार थे। इनमें से 241 लोग विमान में सवार थे और 19 लोगों को जमीन पर घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
भारतीय विमान दुर्घटना ब्यूरो के अनुसार, जून के दूसरे सप्ताह में एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटना की जांच चल रही है। जुलाई में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा कि विमान के इंजन के फ्यूल कंट्रोल switches को उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही बंद कर दिया गया था। इस दौरान एक पायलट ने दूसरे पायलट से पूछा कि क्या वह उन switches को बंद कर दिया है, लेकिन दूसरे पायलट ने कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं किया है। एएआईबी के अनुसार, विमान के उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही दुर्घटना हो गई थी।
एएआईबी के 15 पेज की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान के इंजन के फ्यूल कंट्रोल switches को बाद में फिर से चालू कर दिया गया था, लेकिन एक इंजन में डेकेलरेशन को रोका नहीं जा सका। इस दुर्घटना में 260 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 241 लोग विमान में सवार थे। इस दुर्घटना में 19 लोगों को जमीन पर घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बोइंग कंपनी ने इस दुर्घटना के बारे में अब तक कोई बयान नहीं दिया है।