प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) की कथित फर्जी डिग्री मामले (Fake Degree Case) में एसीजेएम कोर्ट, प्रयागराज (ACJM Court, Prayagraj) ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला रिजर्व कर लिया है. अदालत में बुधवार को एसएचओ, कैंट ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट दाखिल की. याची अधिवक्ता उमाशंकर चतुर्वेदी की बहस सुनने के बाद एसीजेएम कोर्ट ने फैसला रिजर्व कर लिया है. कोर्ट अब मामले में 4 सितंबर को अपना फैसला सुनायेगी.
दरअसल डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की कथित फर्जी डिग्री को लेकर दाखिल अर्जी पर एसीजेएम नम्रता सिंह ने प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था. उन्होंने दो बिन्दुओं पर एसएचओ, कैंट से प्रारम्भिक जांच कर रिपोर्ट भी मांगी थी. अर्जी में आरोप लगाया गया है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की डिग्री फर्जी है. इस आधार पर कोर्ट ने उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष की हिन्दी साहित्य सम्मेलन की डिग्री की जांच का आदेश दिया था. इसके साथ ही हाईस्कूल के फर्जी सर्टिफिकेट पर पेट्रोल पंप हासिल करने के मामले में भी जांच का आदेश दिया था.
एसीजेएम कोर्ट ने प्रियंका श्रीवास्तव बनाम स्टेट ऑफ यूपी के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर ही प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था. 19 मार्च 2015 को सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपक मिश्रा ने इस मामले में फैसला दिया था.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर चुनाव के हलफनामे में फर्जी सर्टिफिकेट लगाने का आरोप है. इसके साथ ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर फर्जी डिग्री लगाकर 5 अलग-अलग चुनाव लड़ने का भी आरोप है. अर्जी में कहा गया है कि उन्होंने फर्जी डिग्री के आधार पर ही पेट्रोल पंप भी हासिल किया है. आरटीआई एक्टिविस्ट और वरिष्ठ भाजपा नेता दिवाकर त्रिपाठी की ओर से अर्जी दाखिल की गई है.
भाजपा नेता दिवाकर त्रिपाठी ने अर्जी दाखिल कर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर गंभीर आरोप लगाया है कि उन्होंने फर्जी डिग्री लगाकर 5 अलग-अलग चुनाव लड़े. इसके साथ ही फर्जी डिग्री के आधार पर ही पेट्रोल पंप भी हासिल किया है. अर्जी में इस आधार पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का निर्वाचन रद्द करने और पेट्रोल पंप का आवंटन भी निरस्त करने की मांग की गई है. अर्जी में कहा गया है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 2007 में शहर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधान सभा चुनाव लड़ा था. इतना ही नही इसके बाद 2012 में सिराथू से भी विधानसभा चुनाव लड़ा और फूलपुर लोकसभा से 2014 में चुनाव लड़ा और एमएलसी भी चुने गये हैं.
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उन्होंने अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र में हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा जारी प्रथमा और द्वितीया की डिग्री लगाई है, जो कि प्रदेश सरकार या किसी बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं है. डिप्टी सीएम पर आरोप है कि इसी डिग्री के आधार पर उन्होंने इंडियन आयल कारपोरेशन से पेट्रोल पंप भी हासिल किया है जो कौशाम्बी मे स्थित है. चुनाव लड़ने के दौरान जो अलग-अलग शैक्षिक प्रमाण पत्र लगाये गये हैं, उसमें भी अलग-अलग वर्ष दर्ज है. इनकी कोई मान्यता नहीं है.
दिवाकर त्रिपाठी के मुताबिक उन्होंने स्थानीय थाना, एसएसपी से लेकर यूपी सरकार और केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की थी लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा है.
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Additional forces deployed, no fresh violence in Assam’s West Karbi Anglong
On Tuesday, the protestors from the Karbi community ran riot, torching and vandalising scores of shops and houses.…

